ऐसे में कार्यकाल खत्म होने के साथ ग्राम प्रधान गांव का एक समान्य नागरिक ही रह जाएगा. उसके पास कानूनी तौर पर कोई अधिकार नहीं रह जाएगा. गांवों में प्रशासक नियुक्त करने की प्रक्रिया चल रही है. 26 दिसंबर से प्रशासक जिम्मेदारी संभाल लेंगे.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, सहायक विकास अधिकारी पंचायत को ग्राम पंचायत के वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार दे दिए जाएंगे. उनके साथ पंचायत सचिव सहयोग करेंगे. इसके लिए अगले एक-दो दिन में ही आदेश जारी होने की उम्मीद है. पंचायतीराज विभाग ने पंचायत चुनाव होने तक नई व्यवस्था लागू करने की तैयारी कर ली है.
हालांकि ग्राम प्रधानों का नेतृत्व कर रहे राष्ट्रीय पंचायतीराज ग्राम प्रधान संगठन ने मांग उठाई है कि जब तक प्रदेश में पंचायत चुनाव नहीं होते तब तक मौजूदा ग्राम प्रधानों की अध्यक्षता में ही प्रशासनिक समिति गठित कर ग्राम पंचायतों का संचालन करवाया जाए.
इस बारे में संगठन की ओर से मुख्यमंत्री को पत्र भेजा गया, पंचायतीराज मंत्री चौधरी भूपेन्द्र सिंह को भी ज्ञापन दिया गया. सरकार ने इस मांग पर विचार करने का आश्वासन भी दिया गया है.