ताजा मामला तहसील क्षेत्र के कपिया ग्रांट का है. यहां तैनात लेखपाल आय, जाति व निवास प्रमाण पत्र के नाम पर अवैध रूप से पैसे वसूल रहे हैं. न देने पर आवेदन ही रिजेक्ट कर दिया जा रहा हैं.
एक माह में तीन बार निरस्त किया आवेदन
एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक माह में एक व्यक्ति का तीन तीन बार आवेदन रिजेक्ट किया गया है. हरिजन आबादी को रेहार भूमि बताकर अवैध वसूली की जा रही है. इससे नाराज ग्रामीणों ने एसडीएम को शिकायत पत्र देकर कार्यवाई की मांग की हैं.
कपिया बुकनिहा ग्रांट के रामनरेश यादव, फजलुर्रहमान, मनोज प्रभाकर सहित सैकड़ो ग्रामीणों ने हस्ताक्षर कर शिकायत पत्र दिया हैं.
ग्रामीणों ने बताया कि दो माह पहले आए लेखपाल घरौनी के नाम पर लोगों को सही जानकारी न देकर विवाद उत्पन्न कर रहे हैं.
हर काम के अलग दाम
खसरा बनाने के लिए एक हजार रुपये की मांग किया जा रहा है. आय, जाति व निवास न बनाने पर ग्रामीणों ने आईजीआरएस पर शिकायत किया तो लेखपाल द्वारा झूठे मामले में फसाने की धमकी दी जा रही है.
बिना सुविधा शुल्क लिए काम नहीं करते
कुछ ग्रामीण सरकारी भूमि पर निर्माण कार्य करवा रहे हैं. शिकायत करने के बाद रुपया ले लिया गया और निर्माण को नहीं रोका गया. प्रधानमंत्री आवास बनवा रहे लाभार्थियों से बंजर भूमि पर निर्माण को लेकर धन की वसूली किया गया हैं. लेखपाल बिना सुविधा शुल्क लिए कोई काम नहीं करते हैं.
कुछ दिन पहले तहसील क्षेत्र के छतहरा गांव की एक महिला से वरासत के नाम पर लेखपाल द्वारा अवैध रूप से तीन हजार रूपए वसूलने का आरोप लगाया था.