दरसल, भास्कर के ब्यूरो चीफ प्रेम रत्न सिंह ने ट्वीट किया कि ब्रेकिंग राजस्थान के किसी विश्वविद्यालय में पत्रकार रवीश कुमार को बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी.
इस ट्वीट को देखने बाद एनडीटीवी के वरिष्ठ पत्रकार का गुस्सा भड़क गया. रवीश कुमार ने फेसबुक पर पोस्ट कर इस खबर को फेक बताया उन्होंने लिखा
क्या भास्कर जैसा अख़बार भी फेक न्यूज़ फैलाने के लिए पत्रकार रखने लगा है ?
ये प्रेम प्रताप सिंह हैं. राजस्थान भास्कर के ब्यूरो चीफ़. इनका एक ट्विट देखिए. बहुत चालाकी से ख़बरों की आड़ में फेक न्यूज़ फैलाने का काम कर रहे हैं. फेक न्यूज़ की शुरुआत इसी तरीक़े से हुई थी. इसकी एक प्रक्रिया है. जिसके तहत ख़ास तरह के पाठकों की राजनीतिक आस्था ( bias) का मनोवैज्ञानिक अध्ययन किया जाता है और फिर उस तरह के लोगों को वैसी ही खबर की सप्लाई की जाती है। इसके लिए न होते हुए भी खबरें गढ़ दी जाती है। फिर वो खबर अपने आप वायरल बनती है. एक नेता का समर्थक बने रहने के लिए सूचनाओं के जाल से ग़ुलाम बनाया जाता है.
उन्होंन लिखा कि दोनों तरह से खबरें छपेंगी. एक पक्ष हेडिंग बनाएगा कि रवीश कुमार ने किसी चिरकुट को दिया जवाब तो दूसरी तरफ़ खबर बनेगी की कांग्रेस की सरकार रवीश कुमार को पद देने जा रही है. आप पढ़ लेंगे. राय बन जाएगी और इस बात से क्या मतलब कि खबर सही है या ग़लत.
कोई ब्यूरो चीफ़ लेवल या संपादक स्तर का पत्रकार अनजाने में नहीं करता है. क्योंकि अब यही करने के लिए पत्रकारिता की नौकरी मिल रही है. हर संस्थान में ऐसे आवारा लोग एडिटर बन गए हैं. एक फ़र्ज़ी खबर को ब्रेकिंग न्यूज़ का लेवल देकर चर्चा में आ जाएँगे. मेरे चलते अगर इन्हें चर्चा नसीब हो रही है तो शुक्रिया इनके नसीब का.