सद्दाम खान
रमजान का महीना अजम व बरकत वाला है। सलमान कबीर नगरी
संत कबीर नगर।
रमजान का पवित्र महीना
रहमतों और बरकतों का महीना है। रमजान के 30रोजे तरवीह व पांच वक्त की नमाज से रोजे दार हर तरह से इस्लाह होती है। रोजा सिर्फ अल्लाह के लीऐ है और वही उस ईनाम देने वाला है। अर सलान इनटर नेशनल स्कूल कमहरियां सगरा बस्ती के मनीजर मुहम्मद इलयास खान का कहना है। कि रोजा सिर्फ अल्लाह रजा के लिए है अल्लाह इसकी जजा देने वाला है। रोजे दौरान नमाज कुरआन की तिलावत व जरुरी है।सह माही मैग्जीन नई रौशनी के एडीटर सलमान कबीर नगरी ने बताया की माह रजान का महीना बरकतों का महीना है।इस मुबारक महेने में खुदा की रहमत की वर्षों होती है। रमजान के रोजे का मकसद दर अस्ल गुनाहौं से बचना है। रोजा एक रुहानी इबादत है। जो इंनसान को बहुत ऊंचे स्थान पर पहुंचाती है।समदा के निवासी अहमद खान का कहना है रोजा से सामान्यता भाई चारा एंव आपसी प्रेम का वातावरण बनता है। साल के इस विशेष महीने में सभी मुसलमानों पर फर्ज है। हर छोटा बड़ा बालिग़ इस मुकद्दस व बरकतों वाले दीनों में अधिक से अधिक ब
सवाब हासील करने के प्रयास में जुटे हैं। मुहम्मद हनीफ गर्ल्स इन्टर कालेज बरगदवा के मनीजर मसीहुद्दीन ने बताया रमजान के इस महेने में एक अत्यन्त सुन्दर देखने को मिलाता है। सभी मुसलमान नमाज और अन्य इबादतों में व्यस्त हो जातें हैं। रमजान अधिक बरकतों वाला महीना है।