पौराणिक युग मे माता पिता के प्रति भक्ति कथाओ और किताबो मे सुनने को मिलती है। एक वो युग था जब श्रवण ने कावड मे माता-पिता को तीर्थयात्रा कराया था। देवरिया के रूद्रपुर क्षेत्र मे तीन बेटों ने श्रवण कुमार बन कहानी को फिर चरितार्थ किया है। सावन के इस पवित्र महीने मे इन बेटों ने माता पिता को कावंड मे बैठाकर क्षेत्र के ऐतिहासिक शिवालयों का दर्शन कराया। रूद्रपुर तहसील स्थिति दुबौली गाँव के रहने वाले कुबेर यादव, जगदीश यादव और जयकुमार यादव की माँ सावित्री यादव व पिता बच्चन यादव की उम्र लगभग 70 वर्ष से कुछ ज्यादा ही है। कुछ दिन पूर्व इन लोगो ने बेटों से क्षेत्र के बाबा माहेन्द्र नाथ मे जलाभिषेक की इच्छा जताई। मंगलवार को बच्चन यादव के तीनो बेटे इसकी तैयारी मे जुट गए और माँ बाप को बैठाने के लिए भव्य कावंड तैयार करवाया।
बुधवार की सुबह तीनो बेटे माँ बाप को बैठाकर सरयू तट के लिए रवाना हुए तो गाँव के दर्जनो लोग उल्लास मे इनके साथ हो लिए, लगभग तीन घंटे मे 25 किमी की दूरी तय करके ये लोग सरयू बरहज घाट पहुचे। यहाँ पर स्नान के बाद ये लोग सरयू का जल लेकर बाबा माहेन्द्र नाथ व दुग्धदेश्वर ऩाथ के लिए रवाना हो गये। देर शाम वृद्ध दंपति ने दोनो शिव मंदिरो मे पहुच कर जलाभिषेक किया तो दोनो की आखे नम हो गई। माँ बाप को कावंड मे बैठाकर 50 किमी पैदल यात्रा कर शिव मंदिर का दर्शन कराने वाले इन बेटो की चारो ओर प्रशंसा हो रही है।
बुधवार की सुबह तीनो बेटे माँ बाप को बैठाकर सरयू तट के लिए रवाना हुए तो गाँव के दर्जनो लोग उल्लास मे इनके साथ हो लिए, लगभग तीन घंटे मे 25 किमी की दूरी तय करके ये लोग सरयू बरहज घाट पहुचे। यहाँ पर स्नान के बाद ये लोग सरयू का जल लेकर बाबा माहेन्द्र नाथ व दुग्धदेश्वर ऩाथ के लिए रवाना हो गये। देर शाम वृद्ध दंपति ने दोनो शिव मंदिरो मे पहुच कर जलाभिषेक किया तो दोनो की आखे नम हो गई। माँ बाप को कावंड मे बैठाकर 50 किमी पैदल यात्रा कर शिव मंदिर का दर्शन कराने वाले इन बेटो की चारो ओर प्रशंसा हो रही है।