योगी आदित्यनाथ ने हिंदू युवा वाहिनी का गठन किया. यह एक तरह से योगी आदित्यनाथ के निजी सेना के रूप में काम करने लगी. वह इसे सांस्कृतिक संगठन कहते हैं. जो आज ग्राम रक्षा दल के रूप में हिंदू विरोधी, राष्ट्र विरोधी और माओवादी विरोधी गतिविधियों को नियंत्रित करता है. हिंदू युवा वाहिनी के खाते में गोरखपुर देवरिया महाराजगंज कुशीनगर सिद्धार्थनगर से लेकर मऊ आजमगढ तक मुसलमानों पर हमले और सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के दर्जनों मामले दर्ज है. खुद योगी आदित्यनाथ पर हत्या के प्रयास दंगा करने, सामाजिक सद्भाव को नुकसान पहुंचाने, दो समुदायों के बीच नफरत फैलाने, धर्मस्थल को छति पहुंचाने जैसे आरोपों में तीन केस दर्ज है. हिंदू युवा वाहिनी की इन्ही कारनामो से वोटों का धुव्रीकरण करने में सफल होने लगे उनकी जीत का अंतर बढने लगा साल 2014 का लोकसभा चुनाव उन्होने 3 लाख से अधिक को वोटो से जीता.
योगी आदित्यनाथ की निजी सेना हिंदू युवा वाहिनी की हिंसक गतिविधियों की शुरुआत महाराजगंज जिले के पंचरूखिया कांड से होती है इसमें आदित्यनाथ के काफिले से चली गोली से सपा नेता तलत अजीज के सरकारी गनर सत्यप्रकाश यादव की मौत हो गई. प्रदेश की कल्याण सिंह सरकार ने मामले की जाँच सीबीसीआईडी को सौंपा और योगी को क्लीन चिट दे दी गई. लेकिन वादी तलत के डटे रहने के बाद यह मुकदमा आज भी चल रहा है इसके बाद कुशीनगर जिले में 2002 में मोहन मुंडेरा कांड हुआ इसमें एक लड़की के साथ कथित बलात्कार का मुद्दा बना कर गांव के 47 अल्पसंख्यकों के घरों को आगे के हवाले कर दिया गया. ऐसी घटनाओं की एक लंबी फेहरिशत है. लेकिन किसी में योगी के खिलाफ न कोई रिपोर्ट दर्ज हुई ना ही कोई कारवाई हुई प्रदेश में बसपा,सपा सरकारों के कार्यकाल के दौरान भी उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नही हुई. दोनों दलों के नेता उनको सांप्रदायिक हिंसा की आरोप लगाते रहे.
हिंदू युवा वाहिनी की हरकतों के कारण पूर्वांचल के हालात खराब होते गए, योगी और हियुवा के नेता खुलेआम हिंसा की धमकी देते. मामूली घटना को सांप्रदायिक हिंसा में बदल दिया जाता. एक बार नेशनल हाईवे पर ट्रक से कुचल कर कुछ गाएं मर गई इसे आईएसआई की साजिश बताकर 3 दिन की बंदी का एलान कर दिया गया. उनके समर्थक नारे लगाते घूमते हैं 'गोरखपुर में रहना है तो योगी योगी कहना है' गोरखपुर के बाहर दूसरी जगहों पर या नारा 'पूर्वांचल में रहना है तो योगी योगी कहना है' हो जाता है आज यह नारा 'यूपी में रहना है तो योगी योगी कहना है'मैं तब्दील हो गया है.
जनवरी 2007 में एक युवक की हत्या के बाद हिंदू युवा वाहिनी कार्यकर्ताओं द्वारा सैयद मुराद अली शाह की मजार में आग लगाने की कोशिश के बाद हालात बिगड गए और गोरखपुर प्रशासन को कर्फ्यू लगाना पड़ा. रोक के बावजूद योगी द्वारा सभा करने और उत्तेजक भाषण देने की कारण 28 जनवरी 2007 को उन्हे गिरफ्तार कर लिया गया. उन्हे गिरफ्तार करने वाले जिलाधिकारी हरिओम और एसपी को दो दिन बाद ही मुलायम सरकार ने निलम्बित कर दिया था. उन्हें करीब 11 दिन तक जेल में रहना पड़ा योगी की गिरफ्तारी के बाद कई जिलों में हिंसा तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं हुई इसमें दो लोगों की मौत भी हो गई पहली बार पुलिस ने हिंदू युवा वाहिनी पर थोड़ी शक्ति बर्ती जिसका बयान करते हुए योगी लोकसभा में रो पड़े थे.
साल 2007 में गिरफ्तारी ने योगी और हिंदु युवा वाहिनी की उग्रता में थोड़ी कमी जरूर ला दी. यह सब हर घटना के मौके पर पहुंचकर अपने हिसाब से न्याय की जिद करते. वैसे अपने प्रिय विषयों लव जिहाद घर वापसी इस्लामिक आतंकवाद माओवाद पर हिंदू सम्मेलन में योगी गरजते रहते हैं.
लेख.
संघर्ष चेतना का मुखर सहयात्री "फिलहाल"
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