ढेबरूआ उपकेन्द्र के तहत आने वाली गांव में 8 घंटे बिजली भी मयस्सर नहीं हो पा रही है विभाग ने इन गांवों में आपूर्ति का कोई शेड्यूल ही तय नही है अक्सर पूरी रात बिजली के इंतजार में ही कट जाती है यही हाल दोपहर में होता है मध्य दोपहर 12:00 बजे बिजली चली जाती है और फिर कब आएगी कोई भरोसा नहीं दुधवानियाँ बुजुर्ग के प्रधान हैदर आलम का कहना है कि इस अघोषित विघुत कटौती के बाद में जब विभाग के कर्मचारियों से पूछने का प्रयास किया जाता है तो उनका मोबाइल फोन बंद मिलता है या फोन रिसीव नहीं होता है। पं. बाबूराम शुक्ल इंटर कालेज की प्रबंधक युधिष्ठिर शुक्ला का कहना है कि सीमा से सटे होने के कारण या क्षेत्र अति संवेदनशील है रात में विद्युत कटौती से अवैध कार्य करने वालों को प्रश्रय मिल रहा है।
बिजली कटौती से लोगों की परेशानी बढ गई है. गांव से लेकर शहर तक एक जैसे हालात हैं दावा 24 घंटे आपूर्ति का है लेकिन 8 घंटे भी सही से बिजली नहीं मिल पा रही है इस भीषण गर्मी में कटौती से जीना मुहाल हो गया है मगर विभागीय जिम्मेदार बदहाल व्यवस्था को सुधारने के लिए ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं. सरकार की 24 घंटे विद्युत आपूर्ति का दावा फेल होता नजर आ रहा है प्रदेश में सरकार बने 100 दिन पूरे हो गए हैं लेकिन नगर व देहात क्षेत्र मे भीषण कटौती की समस्या से उपभोक्ता त्रस्त हैं। कटौती का आलम यहां की बिजली के आने जाने का कोई निर्धारित समय नहीं है और विघुत कटौती से लोगों का बुरा हाल है।इस संबंध में जेई अनिल यादव ने बताया कि कि 33000 से ब्रेकडाउन होने के कारण सोमवार की रात बिजी आपूर्ति क्षेत्र में नहीं रही।

