100 दिनों की योगी सरकार के सामने कानून व्यवस्था बड़ी चुनौती बनकर सामने आयी है.वजह सरकार में बैठे लोगों की अनुभवहीनता हो या अधिकारीयों की लापरवाही या थाने में बैठे पुराने थानेदार अथवा कुछ और लेकिन बीते 3 महीनों में प्रदेश के दूर दराज़ के इलाकों में ही नही बल्कि 100 दिन पूरे होने से पहले राजधानी में चलती टेम्पो में छात्रा से रेप की कोशिश हुई और विरोध करने पर धक्का देकर नीचे गिरा दिया गया,जिससे उसकी मौत हो गयी. इलाहाबाद में एक परिवार के चार लोगों की हत्या ,मथुरा में सर्राफा व्यपारी की दुकान में घुसकर लूट और दो लोगो की हत्या, फिरोजाबाद में कांच व्यवसायी का अपहरण और सीतापुर में दाल दाल व्यपारी समेत 3 की हत्या सरकार के कानून व्यवस्था पर सवाल उठाने वाली है.राजधानी के परा इलाके में दिनदहाड़े दो लड़कियों की हत्या,सचिवायलय में कार्यरत आरसी मिश्र की पत्नी की हत्या,मडियाओं में ब्यूटी पार्लर से घर वापस जा रही लड़की के साथ बलात्कार का प्रयाश और विरोध पर हत्या और गोमतीनगर में दवा करोबारी के घर डकैती जैसी वारदातें भी सरकार की चुनौती बढ़ाने वाली है
पुलिस पर भी हमले
जिस तरह कई मामलों में पुलिस पर हमले हुए उसने भी सरकार की मुश्किल बढाई है.प्रतापगढ़ में एक बदमाश द्वारा सिपाही की गोली मरकर हत्या,आगरा में डिप्टी एसपी की पिटाई ,फिरोजाबाद में खनन माफिया द्वारा पुलिस कर्मी की हत्या,अलीगढ और मथुरा में पुलिस पर हमले,कानपूर में एक पुलिस कर्मी पर हमला,गाजीपुर में पुलिस कर्मियों को बंधक बनाना भी सरकार की साख पर सवाल बन रही है.
यह घटनाये भी गंभीर
सहारनपुर जातीय हिंसा, एसपी ऑफिस में घुसकर तोड़फोड़,दलितों की बस्ती में आगजनी,नोएडा के जेवर में हाईवे पर गंगरेप जैसी घटनाये भी बड़ी चुनौती है.

