सीएमओ और भाजपा विधायक के इस कारनामे के बाद अपर जिला व सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट दीपकांत मणि ने भाजपा विधायक राकेश सिंह बघेल और सीएमओ डा. हरगोविंद सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है.
क्या था पूरा मामला.
लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम व अन्य गंभीर धाराओं में बीते 2010 में बखिरा थाना में राकेश सिंह बघेल पुत्र मुकुंद सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था. मुकदमा न्यायालय में विचाराधीन है. इस मामले में आरोपित विधायक के न्यायालय में उपस्थित न होने के कारण लगभग दस वर्ष से मुकदमे में कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है चार वर्ष से आरोपित विधायक न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए हैं. कोर्ट द्वारा व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के आदेश करने पर भी वह न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए और खुद को कोरोना संक्रमित होने और होम आइसोलेशन में होने का कारण भी दर्शाया गया था.
सीएमओ डा. हरगोविंद सिंह ने कोर्ट को बताया कि विधायक द्वारा कोरोना जांच कराया था. जिसमें वह कोरोना संक्रमित पाए गए थे.
वहीं होम आइसोलेशन टीम के सदस्य डा. विवेक कुमार श्रीवास्तव ने न्यायालय में रिपोर्ट दिया कि होम आइसोलेशन अवधि में दो अलग अलग तिथियों में जांच की गई लेकिन राकेश सिंह बघेल अपने घर पर मौजूद नहीं पाए गए.
रिपोर्ट मिलने के बाद न्यायाधीश दीपकांत मणि ने मेहदावल के भाजपा विधायक राकेश सिंह बघेल और सीएमओ के खिलाफ खलीलाबाद कोतवाली में आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत केस दर्ज करने का आदेश दिया है.
कोर्ट ने कहा
कोर्ट ने कहा कि आरोपी विधायक के आइसोलेशन में मौजूद नहीं होने की जानकारी मिलने के बाद भी उनके खिलाफ कोई विधि सम्मत कार्रवाई नहीं की गई. RTPCR टेस्ट कराने के लिए न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश का अनुपालन भी सीएमओ के द्वारा नहीं किया गया. जिससे विधायक के कोरोना पॉजिटिव होने की रिपोर्ट कूटरचित होने के विश्वास को बल मिलता है. सीएमओ ने अपने पद एवं दायित्वों का ठीक ढंग से अनुपालन नहीं किया.