इस मौके पर वकार मोइज़ खान ने कहा कि आज के दिन ही सिद्धार्थनगर जनपद को अपनी पहचान मिली थी। जिले का इतिहास बौध धर्म के संस्थापक भगवान गौतम बुद्ध के जीवन से जुड़ा हुआ है। इस जनपद का नामकरण गौतम बुद्ध के बाल्यावस्था के नाम राजकुमार ”सिद्धार्थ“ के नाम पर हुआ है।
विनायकपुर के कुछ भाग को जनपद गोरखपुर से पृथक कर जनपद बस्ती का सृजन हुआ। जिससे यह क्षेत्र बस्ती जिले में आ गया। कपिलवस्तु में शाक्यों का राज प्रसाद और बुद्ध के काल में निर्मित बौद्ध बिहारों का खण्डहर तथा शाक्य मुनि के अस्थि अवशेष पाये गये है।
कपिलवस्तु की खोज के बाद उत्तर प्रदेश सरकार, राजस्व अनुभाग-5 के अधिसूचना दिनांक 23 दिसम्बर, 1988 के आधार पर दिनांक 29 दिसम्बर 1988 को जनपद-बस्ती के उत्तरी भाग को पृथक कर सिद्धार्थनगर जिले का सृजन किया। सिद्धार्थनगर जनपद अपने वजूद में आ गया.
स्थापना दिवस के अवसर पर कार्यकर्ताओं ने पर्यावरण सुरक्षा की शपथ ली। थाना परिसर में 32 जगहों पर पौधारोपण किया।
थानाध्यक्ष राजेंद्र बहादुर सिंह ने सिद्धार्थ वेलफेयर सोसाइटी के कार्यों की सराहना की। कार्यकर्ताओं को स्थापना दिवस की बधाई भी दिया।
पौधारोपण कार्यक्रम में प्रबंधक वकार मोइज़ खान, थानाध्यक्ष राजेंद्र बहादुर सिंह, प्रधान श्यामसुंदर चौधरी, अध्यक्ष शाह मोहम्मद खान, उपाध्यक्ष मोहम्मद शहजाद सिद्दीकी, नीलेश चौधरी, राहुल यादव, इश्तियाक, विनय जायसवाल, विष्णु उमर,इमरान अंकित चौधरी, अजय चौधरी प्रधान ,मोहम्मद अशफाक खान जावेद खान बृजेश कुमार, पुलिस के जवान, कार्यकर्ता गण आदि मौजूद रहे।