आगामी पंचायत चुनाव को लेकर अधिकारी भी सक्रिय हो गए हैं. परिसीमन, वोटर लिस्ट और आरक्षण सूची का काम एक साथ अलग-अलग कर्मचारी कर रहे हैं.
इसी बीच बदायूं के जिलाधिकारी ने एक बैठक में जो बात कहीं है वो कई प्रत्याशियों का टेंशन बढ़ा सकता है.
जिलाधिकारी के बताया कि इस बार वो ग्राम प्रधानों, बीडीसी मेंबर, वार्ड सभासद, जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत संदस्य चुनाव नहीं लड़ पाएगें. जिन पर सरकारी बकाएदारी है.
रिपोर्ट के मुताबिक जिलाधिकारी ने कहा कि अगर वे चुनाव लड़ना चाहते हैं तो इसके लिए उन्हें जल्द से जल्द बकाये धनराशि का भुगतान कर देना चाहिए. चुनाव में बकायेदारी बाधा बन सकती है. उन्होंने बताया कि बिना एनओसी के पर्चा खारिज हो जाएगा.
पंचायतीराज विभाग द्वारा तैयार इस प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार पंचायतों के पुर्नगठन का काम 22 दिसम्बर से 31 दिसम्बर के बीच चलेगा.
इसके बाद एक जनवरी से 20 जनवरी तक परिसीमन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. राज्य स्तर पर पंचायतों के आरक्षण की प्रक्रिया 21 जनवरी से 30 जनवरी के बीच पूरी की जाएगी और फिर जिला स्तर पर आरक्षण एक फरवरी से 21 फरवरी के बीच पूरा किया जाएगा.