घटना शनिवार दोपहर की जब दादी और पोती जंगल में बींड काटने के लिए गई थी. दादी आगे आगे और 12 साल की नाबालिग पीछे चल रही थी. इसी दौरान चारों दरिंदे मिलकर बच्ची को उठा ले गए.
दादी ने जब बच्ची को अपने पीछे नहीं देखा तो परेशान हुई और पोती को आवाज लगाते हुए तलाशने लगी. लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया.
इसी बीच नाबालिग का भाई जंगल में बींड लेने पहुँचा तब उसने खेत से चार लोगों को भागते हुए देखा और बहन को नग्नावस्था में बेहोश पड़ी देख भाई उन दरिंदों के पीछे दौड़ता हुआ बगल के गांव तक पहुंच गया.
गांव पहुंचने के बाद नाबालिग बच्ची के भाई को तीन घंटे तक बैठाए रखा और भाई पर पंचायत के फैसले का दबाव बनाया जाता रहा.
किसी तरह पीड़ित परिवार रात के नौ बजे कोतवाली पहुंच चार युवकों के ख़िलाफ़ तहरीर दी, इसके बाद पुलिस ने लड़की को मेडिकल के लिए भेज दिया और आरोपियों की तलाश में दबिश दी जा रहीं है.
पंचायत पीड़ित को धमकाती रही
घटना के 4 घंटे बाद तक पीड़ित परिवार को ही डराने तथा समझाने में आरोपियों के परिवार तथा गांव वाले जुटे रहे.
पीड़िता के परिवार के मुताबिक आरोपी दूसरे वर्ग के हैं. चार घंटे तक फैसले का दबाव बनाते रहे. बताया कि उन्हें धमकी दी गई कि बदनामी हो जाएगी. साथ ही लड़की को तीन साल के लिए जेल जाना पड़ेगा, क्योंकि हम पुलिस से कह देंगे कि झूठा आरोप लगा रही है. इसके अलावा पैसे का भी लालच दिया गया.