हाथरस कांड से तो आप सब वाकिफ ही होंगे. गैंगरेप के बाद 29 सितंबर को हाथरस की बेटी की दिल्ली के अस्पताल में मौत और फिर प्रशासन का जबरन रात में ही अंतिम संस्कार करना पीड़िता के खिलाफ कई लोगों के बयान आसपास के गाँवों की पंचायतें. ये सब हो रहा था रेप के चार आरोपियों को निर्दोष साबित करने के लिए.
आमजन को हिला कर रख देने बाली इस भयावह घटना के बाद हाथरस कांड का पीड़ित परिवार अब गांव में नहीं रहना चाहता है. वह पूरी तरह से टूट चुके हैं. उन्हें अपने ही गाँव में कोई अपना नजर नहीं आ रहा. बेटी को दरिंदों ने मार दिया पुलिस ने बेटी को आखिरी बार देखने तक नहीं दिया. दुखों का पहाड़ आज उस परिवार पर टूट पड़ा है लेकिन गांव के लोगों से उन्हें कोई सहानुभूति नहीं मिली वो एकदम अलग पड़ गए हैं.
पीड़ित परिवार ने मीडिया दुख बयान करते हुए बताया कि जब बिटिया के साथ वारदात हुई ना कोई थाने गया ना ही अस्पताल, बेटी गंभीर हालत में कई दिनों तक अलीगढ़ अस्पताल में भर्ती रही लेकिन गांव का कोई हाल पूछने तक नहीं आया.
पिता ने कहा कि घटना के बाद 20 गांवों के लोगों ने पंचायत की और परिवार पर ही गंभीर आरोप लगाए. यहाँ का माहौल सभी ने देखा है. ऐसे में यहां रहना मुश्किल है.
पिता ने कहा कि वह दिल्ली में केस की सुनवाई चाहते हैं. वहीं पर अपने परिवार के साथ रहेंगे. दिल्ली में ही प्राइवेट नौकरी कर परिवार पाल लेंगे.
परिवार ने पहले ही हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान केस को दिल्ली या मुंबई ट्रांसफर करने की मांग भी कर चुका है.
परिवार ने बताया चार्जशीट लगने के बाद सरकार या स्थानीय प्रशासन की ओर से मकान या नौकरी के लिए कोई खबर नहीं आई.
हम आपको बता दें कि हाथरस में दलित लड़की से कथित गैंगरेप और यातना के मामले में चारों आरोपियों पर सीबीआई ने गैंगरेप और हत्या का आरोप लगाया. मामले में जांच कर रही सीबीआई ने बीते शुक्रवार को हाथरस में एक अदालत के सामने चार्जशीट दाखिल कर दिया है.