घटना 9 दिसम्बर सदर कोतवाली थाना क्षेत्र के बांसपार बैजौली गांव का है.
अपने घर के सामने खेलते समय 6 वर्षीय पीयूष 9 दिसम्बर को संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हो गया था. उसके अगले ही दिन परिवार को एक पत्र मिला था, जिसमें 50 लाख रुपए की फिरौती मांगी गई थी.
पुलिस से शिकायत करने पर उसकी हत्या करने की धमकी भी दी गई थी.
इस पूरे घटनाक्रम के बाद महराजगंज पुलिस ने पांच टीमें लगाकर एसटीएफ की मदद से घटना के अनावरण के लिए जुटी हुई थी. इसी बीच फिरौती वाले पत्र की गहराई से छानबीन की गई तो उसकी हैंडराइटिंग परिवार के ही एक सदस्य जो मृतक मासूम पीयूष का रिश्ते में चाचा है उसकी निकली.
शनिवार की शाम पुलिस ने शक के आधार पर मासूम के रिश्ते में चाचा लगने वाले एक नाबालिग को पकड़कर मामले की छानबीन में जुट गई. लेकिन आरोपी दिन भर पुलिस को गुमराह करता रहा.
पुलिस ने सख्ती से पूछताछ शुरू की तो सच्चाई सामने आई. आरोपी को साथ लेकर पुलिस मौके पर पहुंची तो सन्न रह गई.
बांसपार गांव के सिवान से खेत में पीयूष का शव बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. आरोपी ने मासूम पीयूष की गला दबाकर हत्या कर दी और शव को पुआल से छिपा दिया. उसी रात कुदाल से गड्ढा खोदकर घर के समीप ही एक बोरे में लाश भरकर गड्ढे में छिपा दिया.
इस खुलासे के बाद शनिवार की देर रात ही लोग कोतवाली पहुंच गए. रात भर विरोध की आवाज उठती रही.
रविवार की सुबह लोगों ने हाईवे पर चटाई बिछा ली और सड़क जाम कर दिया. मृत मासूम के चाचा सहित अन्य लोगों का कहना है कि बीते पांच सितंबर को भी पांच लाख की फिरौती मांगी गई थी.
तत्कालीन एसपी से शिकायत की गई, लेकिन पुलिस ने उनकी एक न सुनी. इधर चार दिनों से पुलिस घुमाती रही. जिस पर शक जताया गया, उसको पकड़ा तक नहीं और परिजनों को पकड़कर दबाव में जबरदस्ती खुलासा कर रही है.
रविवार की सुबह पीयूष की हत्या के बाद आक्रोशित परिजनों ने एनएच 730 कोतवाली थाने के गेट पर जाम लगाकर पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया. लोगों का कहना है कि यहां के प्रशासन पर उनको कोई भरोसा नहीं है.
बीते 5 सितंबर को फिरौती मांगने की शिकायत पर कार्रवाई हुई होती तो मासूम की जान नहीं गई होता. इतना बड़ा हादसा होने के बाद भी पुलिस सही खुलासा नहीं कर रही है। अब वे मुख्यमंत्री से ही अपनी बात कहेंगे.