सिद्धार्थनगर:पैग़म्बरे इस्लाम मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के शान में गुस्ताख़ी कत्तई बर्दास्त नहीं :मौलाना शमीमुल कादिरी
सिद्धार्थनगर: मिश्रौलिया थाना क्षेत्र स्थित मदरसा गौसिया फैजुल उलूम बढ़या के प्रधानाचार्य ने रविवार दोपहर बाद एक प्रेस कांफ्रेंस के जरिए फ्रांस के राष्ट्रपति द्वारा पैग़म्बरे इस्लाम पर अभद्र टिप्पणी की कड़ी निंदा कर विरोध जताया विरोध।
उन्होंने कहा कि मेरे नबी के शान में गुस्ताख़ी कत्तई बर्दास्त नहीं होगी, आजकल इस्लाम से दुश्मनी रखने वाले मेरे पैग़मबरे इस्लाम के खिलाफ कट्टर शत्रु रवैया अपनाए हुए हैं।और इसी का परिणाम है कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मेैक्रो, जो कि अपना राजनैतिक ढलान पर है, उन्होंने इस्लाम पर अभद्र टिप्पणी कर पैग़म्बरे इस्लाम की साफ सुथरी छवि को धूमिल करने की नाकाम कोशिश की है।
ताकि उनको राजनीतिक लाभ मिल सके हालांकि यह सबसे घटिया और बेहद घिनौना कृत्य है यह बेहद शर्मनाक और अफ़सोस की बात है।
जबकि हमारा देश जो सर्वधर्म की रक्षा और सम्मान की बात करता है ।
हमारे देश के विदेश मंत्रालय ने फ्रांस के इस घिनौने कृत्य का समर्थन करोड़ों भारतीय मुसलमानों और देश वासियों को दुःख देने का कार्य किया है।
श्री कादिरी ने कहा कि हम भारतीय मुसलमान किसी भी धर्म के ख़िलाफ़ बात नहीं करते।हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। इसलिए ऐसे बेतुके बयानों से देश में अशांति फैलती और आपसी सौहार्द बिगड़ता है। जो कि इस्लाम और भारतीय संविधान में कोई जगह नहीं है।
हम भारतीय मुसलमान फ़्रांस के राष्ट्रपति द्वारा दिए गए टिप्पणी कि घोर निंदा करते हैं तथा अपनी भारतीय सरकार से मांग करते हैं कि विदेश मंत्रालय द्वारा दिया गया समर्थित बयान वापस लिया जाए।
इस अवसर पर प्रधानाचार्य: शमीमुल कादिरी, मौलाना हुसैन, मौलाना कमरूद्दीन, हाजी मोहम्मद वकील, मौलाना निजामुद्दीन, मौलाना बदरुद्दीन, मौलाना जमील अहमद, मौलाना बरकत अली, मौलाना गुलाम मोइनुद्दीन ,मास्टर मो.मुस्तफा, मो. कासिम, शब्बीर खान, जुबेर अहमद , मो. इब्राहिम, सहित लगभग पचास से ज्यादा मुस्लिम समुदाय के लोग मौजूद रहे।
सभी ने एक स्वर में फ्रांस के राष्ट्रपति की निंदा करते हुए। फ्रांस में बने हर सामानों का बहिष्कार करने का विरोध करने का समर्थन किया।