लखनऊ:उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर के सबसे बड़े विंध्यवासिनी पार्क का नाम बदलने के प्रस्ताव तेज का विरोध तेज हो गया है।
स्वतंत्रता सेनानी मौलाना अब्दुल कय्यूम रहमानी फाउंडेशन के अध्यक्ष बदरे आलम ने भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर पार्क नाम ना बदलने की मांग की है।
स्वतंत्रता सेनानी मौलाना अब्दुल कय्यूम रहमानी फाउंडेशन के द्वारा भेजे गए पत्र में कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार बाबू विंध्यवासिनी पार्क का नाम बदलकर किसी अन्य के नाम पर करना चाह रही है।
यूपी सरकार के इस फैसले से देश भर के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार के लोग और देशभक्त लोग इस फैसले से अविवेकपूर्ण निर्णय से आहत है।
बाबू विंध्यवासिनी प्रसाद के बारे में महात्मा गांधी, डा राजेन्द्र प्रसाद ने अपनी आत्मकथा में वर्णन है कि उनका स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। पश्चिमी चंपारण के नील आंदोलन के साथ रालौट एक्ट के विरोध में भी आगे रहे। भारत छोड़ो आंदोलन में जेल गए वहीं पर अचानक उनकी आंख की रोशनी तक चली गई और 1943 में 53 वर्ष की आयु में मृत्यु हो गई।
फाउंडेशन के माध्यम से भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से अनुरोध किया है कि बाबू विंध्यवासिनी के नाम से बने पार्क का नाम यथावत रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देशित किया जाए जिससे स्वतंत्रता सेनानियों एवं समाज के प्रबुद्ध लोगों के दिल आहत ना हो।
इस पत्र में पूर्व सांसद इलियास आजमी, सुरेन्द्र यादव पूर्व सांसद, लाल जी यादव पूर्व विधायक, विजय पासवान पूर्व विधायक, इंद्रेश शुक्ला, अफसर रिजवी, शशांक शेखर सिंह, कलावती देवी ने दस्तखत कर पार्क का नाम यथावत रखने का अनुरोध किया गया है।
हम आपको बता दें कि गोरखपुर शहर में स्थित यह पार्क प्रसिद्ध अधिवक्ता और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विंध्यवासिनी वर्मा के नाम पर है। बीते दिनों शासन ने पार्क का नाम बदलकर हनुमान प्रसाद पोद्दार के नाम पर रखने का प्रस्ताव भेजा है।