सिद्धार्थनगर:अच्छे कार्य को करने के लिए शुभ-मूहुर्त नहीं खोजना चाहिए और अगर हृदय में बुरा कार्य करने की इच्छा जागृत हो तो उसे कल पर छोड़ देना चाहिए। गलत कार्य नहीं होंगे।
उक्त बातें अयोध्या से पधारे कथा वाचक प्रकाश चन्द्र जी महाराज ने कही।
वह बढ़नी ब्लाक के परसा स्टेशन गांव के काली माता मंदिर के पास चल रहे नौ दिवसीय श्रीरामकथा के सातवें दिन मौजूद लोगों को राम कलेवा, सीता-विदाई, राम-राज्याभिषेक की घोषणा, कैकेयी-क्रोध व कोपभवन गमन, दशरथ मूूर्च्छा, राम वनगमन के प्रसंग को बहुत ही सुंदर तरीके से सुना रहे थे।
उन्होंने कहा कि जहां तक कार्य हमारे मन के अनुकूल होता है, वह सुख होता है और जहां हमारे मन के अनुकूल कार्य नहीं होता है, वहां दुःख होता है।
इस दौरान कथा वाचक ने मौजूद लोगों से दहेज और नशे की आदत को छोड़ने की अपील किया। कथा के दौरान सीता-विदाई के समय पांडाल में मौजूद महिलाओं ने विदाई गीत गाया।
अंत में महाआरती के साथ प्रसाद वितरण कर सातवें दिन की कथा समाप्त किया गया।
इस मौके पर देवी पाटन मंडल प्रभारी हियुवा सुभाष गुप्ता, प्रधान चम्पापुर हीरालाल यादव, प्रधान प्रतिनिधि बसहिया राजेन्द्र यादव, व्यवस्थापक व ग्रामप्रधान रामचन्द्र शुक्ल, आयोजक शुभम जी महाराज, जिला पंचायत सदस्य अजय सिंह, देवेन्द्र सिंह, अनूप पाण्डेय, नीरज शुक्ल, रमेश चन्द्र शुक्ल, रिषभ सिंह, डा.सुधीर शुक्ल, दीपक शुक्ल समेत भारी संख्या में महिला व पुरुष श्रद्धालु मौजूद थे।