सिद्धार्थनगर किसी भी तीर्थ में नदी में स्नान करने के पश्चात् दान देना चाहिए और त्याग करना चाहिए।
उक्त बातें अयोध्या से पधारे कथावाचक प्रकाश चन्द्र जी महाराज ने कही।
वह बढ़नी ब्लाक के परसा स्टेशन गांव में आयोजित नौ दिवसीय श्रीरामकथा के छठवें दिन कथा सुना रहे थे।
उन्होंने कहा कि जब संसार के लोग आपसे मुंह मोड़ लेते हैं तब भी सद्गुरु और परमात्मा आपके साथ खड़े मिलते हैं।
उन्होंने कहा कि काल, कर्म और स्वभाव इन कारणों से व्यक्ति परेशान होता है।
श्रीरामकथा के छठवें दिन अहिल्या उद्धार, धनुषभंग और श्रीरामविवाह कथा को व्यासपीठ पर आसीन आचार्य प्रकाश चन्द्र जी महाराज द्वारा श्रद्धालुओं को सुनाया गया।
श्रीराम विवाह प्रसंग के समय पांडाल में मौजूद महिलाओं ने मांगलिक गीत गाये, पुष्पवर्षा किया और श्रीराम व सीता के पांव-पूजे।
इस मौके पर धनुषभंग और रामविवाह का सजीव मंचन मंडली के कलाकारों ने सुंदर तरीके से किया।
अंत में महाआरती के साथ प्रसाद वितरण कर पांचवे दिन की कथा समाप्त किया गया।
इस मौके पर व्यवस्थापक व ग्रामप्रधान रामचन्द्र शुक्ल, आयोजक शुभम जी महाराज, जिला पंचायत सदस्य अजय सिंह, श्रवण तिवारी, देवेन्द्र सिंह, अनूप पाण्डेय, नीरज शुक्ल, रमेश चन्द्र शुक्ल, रिषभ सिंह, डा.सुधीर शुक्ल, दीपक शुक्ल समेत भारी संख्या में महिला व पुरुष श्रद्धालु मौजूद थे।