वसीम खान:केंद्र एवं राज्य सरकार जहां स्वास्थ्य मिशन पर पैसा पानी की तरह लुटा रही है वहीं जिम्मेदारों की लापरवाही बहुत ही दुखद है।
जनपद बलरामपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गैसड़ी के हालात ऐसे हैं जिसे खुद इलाज की दरकार है
पंजीकरण काउंटर पर जहां स्टाफ नदारद मिले वहीं चिकित्सा अधीक्षक की कुर्सी भी खाली दिखे दर्जनों मरीज बाहर बैठकर डॉक्टर के इंतजार में नंबर लगाए मिले।
अगर कभी डॉक्टर बैठते भी हैं तो भी मरीजों को बाहर से दवा लेनी पड़ती है दवा वितरण काउंटर पर बैठे स्टाफ मरीजों से दुश्मन की तरह बात करते हैं और बढ़ चढ़ कर मनमानी दिखाते हैं।
महिला चिकित्सा की बात करें तो यहां की महिला चिकित्सक अपना प्राइवेट अस्पताल चलाती हैं जांच हो या डिलीवरी भर्ती करना हो तो अस्पताल में ना भर्ती करके अपने निजी प्राइवेट नर्सिंग होम का रास्ता बताते हैं जिस का गवाह अस्पताल में पड़ा बेड है जो शायद महीनों से झाड़ा नहीं गया धूल और गंदगी से भरा बेड इस बात की गवाह है।
एक तरफ जहां इंडिया मार्का नल में मशीन ही नहीं है तो दूसरी तरफ अस्पताल परिसर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है साफ सफाई के नाम पर जहां लाखों रुपए की गबन की जा रही है वहां अपने ही परिसर में सफाई नहीं दिख रही है
जनपद बलरामपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गैसड़ी के हालात ऐसे हैं जिसे खुद इलाज की दरकार है
पंजीकरण काउंटर पर जहां स्टाफ नदारद मिले वहीं चिकित्सा अधीक्षक की कुर्सी भी खाली दिखे दर्जनों मरीज बाहर बैठकर डॉक्टर के इंतजार में नंबर लगाए मिले।
अगर कभी डॉक्टर बैठते भी हैं तो भी मरीजों को बाहर से दवा लेनी पड़ती है दवा वितरण काउंटर पर बैठे स्टाफ मरीजों से दुश्मन की तरह बात करते हैं और बढ़ चढ़ कर मनमानी दिखाते हैं।
महिला चिकित्सा की बात करें तो यहां की महिला चिकित्सक अपना प्राइवेट अस्पताल चलाती हैं जांच हो या डिलीवरी भर्ती करना हो तो अस्पताल में ना भर्ती करके अपने निजी प्राइवेट नर्सिंग होम का रास्ता बताते हैं जिस का गवाह अस्पताल में पड़ा बेड है जो शायद महीनों से झाड़ा नहीं गया धूल और गंदगी से भरा बेड इस बात की गवाह है।
एक तरफ जहां इंडिया मार्का नल में मशीन ही नहीं है तो दूसरी तरफ अस्पताल परिसर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है साफ सफाई के नाम पर जहां लाखों रुपए की गबन की जा रही है वहां अपने ही परिसर में सफाई नहीं दिख रही है