सिद्धार्थनगर:एसएसबी जवान की गाड़ी से जोगिया-उदयपुर में व्यपारी व भाजपा कार्यकर्ता कन्हैया जायसवाल की मौत के महीने भर बीत चुके हैं। लेकिन परिजनों को सरकार द्वारा वादा भरोसा दिलाए जाने के बावजूद अभी तक किसी भी प्रकार की कोई मदद नही दी गई। इस समय परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है।
हम आपको बता दें कि 1 सितम्बर को एसएसबी की गाड़ी से दुर्घटना होने पर कन्हैया जयसवाल की मौत हो गई थी।
कन्हैया जयसवाल कि पत्नी ने कहा कि वो असमय काल के गाल में समा गए, जिससे मैं आहत हूँ, और आजीवन इस घटना से उबर पाना मेरे लिए सम्भव नही है।
हमारे पति अपने पीछे 11 वर्ष की बच्ची अनन्या जायसवाल एवं 6 वर्षीय पुत्र अंश जायसवाल को छोड़ गए। हमारे हंसते-खेलते परिवार को न जाने किसकी नज़र लग गई।
उन्होंने आगे कहा कि हमारे परिवार में जीविका चलाने वाले एक मात्र हमारे पतिदेव थे,जिनका असमय चले जाना आजीवन खलेगा, इस समय हमारा परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा है, परिवार की माली हालत खस्ताहाल है,बच्चों के पठन-पाठन में बाधा उतपन्न हो रही, इनका भविष्य क्या होगा सोचकर मेरी रूह कांप जाती है।
घटना के दौरान मौजूदा भाजपा सांसद जगदम्बिका पाल एवं सत्तापक्ष के नेताओं द्वारा परिवार के भरण-पोषण के लिए आर्थिक मदद एवम जीवन-यापन के लिए सरकार द्वारा नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया गया था लेकिन इस दुर्घटना के महीनों बीत जाने के उपरांत अभी भी किसी प्रकार की कोई सहायता नही प्राप्त हुई।
मैं बेसहारा अपने अनाथ बच्चों को साथ लेकर अधिकारीगणों एवं नेताओं के चौखट पर न्याय-मदद की गुहार लगाते-लगाते, दौड़-दौड़ कर थक चुकी हूं। मुझे कहीं से किसी प्रकार की न्याय एवं मदद मिलने की कोई उम्मीद नही दिखाई दे रही है। आर्थिक तंगी से मजबूर अब मुझे कहीं से जीने की कोई उम्मीद नही दिख रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए अपने बच्चों के साथ खुदकुशी करने के अलावा मेरे पास कोई रास्ता नही, जिसके जिम्मेदार शासन-प्रशासन के लोग होंगे।