शनिवार को जिलाधिकारी कुणाल सिल्कू ने कलेक्ट्रेट के सेमिनार हाल में संवाददाताओं को इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया की 2001 के जनगणना के आधार पर जिले 1000 पुरुषों पर कुल 964 महिलाओं का अनुपात था।
2011 की जनगणना के आधार पर यह संख्या घटकर 935 हो गई। तो वही 2018 में स्थिति बहुत खराब हो चुकी है। वर्तमान समय में जिले में 1000 पुरुषों के अनुपात में कुल 888 महिलाएं हैं। यह एक बड़ा चिंता का विषय है।
डीएम ने कहा कि महिलाओं की संख्या का लगातार घटना काफी चिंता का विषय है। इसे रोकना होगा। इसके लिए सभी विभागों को काम करना होगा।
उन्होने कहा कि बेटियों को उच्च शिक्षा देना पहली प्राथमिकता होगी, इसके लिए आंगनबाड़ी से लेकर ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम प्रधान, एएनएम आदि को प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही बाल विवाह रोकने के लिए गैर सरकारी संगठन व जनप्रतिनिधियों से सहयोग लिया जाएगा।