देवरिया के हरहंगपुर में हुए दोहरे हत्याकांड में पिता और भाई का कातिल अपना ही खून निकला. खेत बेचने से नाराज चल रहे महेंद्र ने हिस्सा नहीं मिलने पर भाई और पिता को पिछले 27 जुलाई को मौत के घाट उतार दिया.
दोहरे हत्याकांड के 1 सप्ताह बाद महेंद्र ने भाई पिता की हत्या का अपराध पुलिस के सामने स्वीकार कर लिया. पुलिस के पूछताछ में महेंद्र ने बताया कि वह चार भाइयों में दूसरे नंबर पर है और परिवार के साथ पिछले 25 सालों से छत्तीसगढ़ में रहता है. साथ में छोटा भाई लल्लन भी रहता है. कुछ महीने पहले छोटा भाई लल्लन गांव लौटा और पिता से मिलकर आठ लाख की जमीन बेच दी. उसके बाद पिता हिस्सा देने में आनाकानी करने से नाराज महेंद्र भाई व पिता को मारने की ठान ली.घटना की रात 27 जुलाई को ट्रेन से गांव पहुंचा.चुपके से टीन सैड के बाहर बैठ गया फाटक खोल रात मे पेशाब करने निकले भाई लंल्लन पर एक बाँस के फट्टे से हमला कर दिया. कुछ आहट पाकर पिता उठे तो उन पर हमला बोल दिया. दोनों के बेहोस होने पर त्रिशूल से गोद गोद कर महेंद्र ने दोनों की हत्या कर दी और भाग निकला. रात के अंधेरे मे पैदल बेतालपुर पहुंचा और ट्रेन पकड़ कर वापस छत्तीसगढ़ के कोरबा चला गया.
दोहरे हत्याकांड के 1 सप्ताह बाद महेंद्र ने भाई पिता की हत्या का अपराध पुलिस के सामने स्वीकार कर लिया. पुलिस के पूछताछ में महेंद्र ने बताया कि वह चार भाइयों में दूसरे नंबर पर है और परिवार के साथ पिछले 25 सालों से छत्तीसगढ़ में रहता है. साथ में छोटा भाई लल्लन भी रहता है. कुछ महीने पहले छोटा भाई लल्लन गांव लौटा और पिता से मिलकर आठ लाख की जमीन बेच दी. उसके बाद पिता हिस्सा देने में आनाकानी करने से नाराज महेंद्र भाई व पिता को मारने की ठान ली.घटना की रात 27 जुलाई को ट्रेन से गांव पहुंचा.चुपके से टीन सैड के बाहर बैठ गया फाटक खोल रात मे पेशाब करने निकले भाई लंल्लन पर एक बाँस के फट्टे से हमला कर दिया. कुछ आहट पाकर पिता उठे तो उन पर हमला बोल दिया. दोनों के बेहोस होने पर त्रिशूल से गोद गोद कर महेंद्र ने दोनों की हत्या कर दी और भाग निकला. रात के अंधेरे मे पैदल बेतालपुर पहुंचा और ट्रेन पकड़ कर वापस छत्तीसगढ़ के कोरबा चला गया.