सिद्धार्थनगर तुलसियापुर:माध्यमिक विद्यालयों में वित्तविहीन शिक्षकों को पूर्ववर्ती सपा सरकार के मानदेय देने के निर्णय को रद्द किये जाने के बाद प्रदेश सरकार के प्रति वित्तविहीन शिक्षकों ने तुलसियापुर चौराहे पर बैठक कर रोष व्यक्त किया।बैठक को संबीधित करते हुए रवि शुक्ल ने कहा कि प्रदेश में वित्तविहीन शिक्षक ही माध्यमिक शिक्षा की रीढ़ है और सरकारें वित्तविहीन शिक्षकों के साथ हमेशा से अन्याय करती चली आ रही हैं।वित्तविहीन शिक्षकों के मानदेय की मांग काफी पुराना था जिसे समाजवादी पार्टी सरकार ने अपने अंतिम वित्तीय वर्ष में दो सौ करोड़ रुपये देकर कुछ हद तक मान लिया था।2016-17 में वित्तविहीन शिक्षकों को एक हजार रुपये मिलने की योजना थी परन्तु योगी सरकार ने मानदेय पर रोक लगाकर वित्तविहीन शिक्षकों के हितों पर कुठाराघात किया है।
आशाराम ने कहा कि वित्तविहीन मान्यता के अनुसार विभिन्न विद्यालयों में तैनात शिक्षक कार्य तो वेतनभोगी सरकारी अध्यापक की भाँति करेंगे परन्तु वेतन की जिम्मेदारी प्रबन्धकों के ऊपर डाल दिया गया।जिससे वित्तविहीन शिक्षकों का काफी शोषण हो रहा है।सरकार को अपने निर्णय पर पुनः विचार करना चाहिए।इस दौरान विनय शुक्ल,दुर्गा प्रसाद,पीताम्बर यादव,शिवेन्द्र मिश्र,दीपेन्द्र सिंह,जीतेन्द्र शुक्ल,सविता शुक्ला,साधना श्रीवास्तवा,शैलेन्द्र भारती,विश्वनाथ,
सुनील यादव,रामकिशोर आदि वित्तविहीन शिक्षक मौजूद थे।