गुजरात मे एक आटो रिक्शा चलाने वाले फारूख की बेटी फरहाना ने मेडिकल स्ट्रीम मे 99.72 प्रतिशत अंक प्राप्त कर गुजरात बोर्ड के स्ट्रीम परीक्षा को टाप किया।
फ़रहाना की माँ शमिम बवानी आँखो में आँसू के साथ बताती हैं कि हमें कोई ख़ुशी नहीं है।फ़रहाना के परिवार वाले दुखी हैं क्यूँकि गुजराती और नैशनल एलिजिबिलिटी कम एंटरेंस टेस्ट के इंग्लिश के पेपर में बहुत फ़र्क़ होता है। वहीं गुजराती माध्यम का नीट का पेपर बहुत कठिन होता है। कुल मिला कर नीट का परिणाम फ़रहाना और उस जैसी हज़ारों छात्राओं के लिए पक्षपाती होगा। फ़रहाना की माँ की कहना है कि हम लोगों की बस एक ही खवाईश है कि सरकार गुजराती माध्यम और अंग्रेज़ी माध्यम के परिणाम को अलग कर दे। नीट के परिणामों की चिंता करते हुए जमालपुर के एफडी हाई स्कूल की छात्रा फ़रहाना कहती हैं कि हमें पूरी उम्मीद थी मेरा परिणाम अच्छा आएगा और मुझे एमबीबीएस में दाख़िला मिल जाएगा, लेकिन गुजराती माध्यम का नीट का पेपर बहुत कठिन होने के कारण अच्छा नहीं गया।
हम फरहाना की इस मेहनत और लगन को सलाम करते हैं और दुआ है कि फरहाना आगे भी ज़िंदगी में कामयाबी हासिल करे.