एसएसबी 50वीं वाहिनी के महादेव बीओपी के सौजन्य से संदीक्षा कार्यक्रम के अवसर पर शुक्रवार को सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।कार्यक्रम में एसएसबी 50वीं वाहिनी के द्वितीय कमान अधिकारी विकास कुमार ने मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि एसएसबी भारत-नेपाल सीमा पर केवल सीमा की सुरक्षा ही नहीं करती अपितु विभिन्न प्रकार के रचनात्मक और सामाजिक कार्यों को भी समय-समय पर करती रहती है।एसएसबी बाल विवाह,बालिका शिक्षा,भ्रूण हत्या,स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत अभियान जैसे विषयों पर ग्रामीणों और सीमाई क्षेत्रों के लोगों को जागरुक करने के लिए चेतना रैलियों का आयोजन करती है और सीमाई क्षेत्रों में छुपी प्रतिभाओं को निखारने का भी काम करती है।संदीक्षा कार्यक्रम का शुभारम्भ कार्यक्रम संचालक
राजीव यादव द्वारा "ज्योति से ज्योति जगाते चलो" देवी गीत को गाकर किया गया।इसके पश्चात
कृष्णानगर के सौरभ कुमार ने "आने से उसके आये बहार,जाने से उसके जाये बहार" गाकर अयिथियों का स्वागत किया।एसएसबी के आरक्षी मकदूल इस्लाम ने
"मैं तनु समझावा दी,न तेरे बिन लगता जी" गाकर लोगों का मनोरंजन किया।एसएसबी के जवानों ने असम के प्रसिद्ध बिहू गीत पर नृत्य प्रस्तुत किया।घनश्याम अग्रहरि "अंखियों को रहने दो" गीत प्रस्तुत कर दर्शकों की वाहवाही लूटी।कार्यक्रम में सीमावर्ती गांवों के बच्चों ने भी कार्यक्रम प्रस्तुत किया।कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि ने बच्चों को पुरस्कार वितरित किया।इस अवसर पर बीओपी प्रभारी निरीक्षक सुमित कुमार पाण्डेय,ललिता कश्यप,प्रमोद कुमार वर्मा,श्रवण कुमार सैनी,एडी सिंह,मोहन सिन्हा,बीके शर्मा,के.पंकुड़ी,अरुण कुमार सिंह,
मयंक शुक्ल,शैलेन्द्र पाण्डेय,साजिद,अल्ताफ आदि लोग मौजूद थे।