सिद्धार्थनगर : एसबीआई के बाद अब ¨सडीकेट बैंक भी कैश की समस्या से जूझने लगा है। बुधवार को शाहपुर स्थित शाखा में हालत ये रही कि सुबह से ही नकदी संकट बना रहा। जिसके चलते बैंक स्टाफ भी डयूटी से गायब रहे। दर्जनों की संख्या में बैंक पहुंचे उपभोक्ताओं को सिर्फ मायूसी ही उठानी पड़ी। इंतजार के बाद बैंक पर कोई ये बताने वाला भी मौजूद नहीं था, कि कैश आएगा भी कि नहीं। नकदी की दिक्कत के चलते भुगतान प्रक्रिया जहां ठप रही, तो एटीएम पर भी ताला लटकता रहा।
नगर पंचायत के शाहपुर में चल रहे ¨सडीकेट बैंक में पिछले एक सप्ताह से कैश का संकट चला आ रहा है। आज तो आलम ये रहा कि उपभोक्ता सुबह ही बैंक पर पहुंच गए, उम्मीद थी कि शायद आज भुगतान हो जाए, भुगतान की बात कौन करे, साढे ग्यारह बजे तक मौके पर एक क्लर्क व चपरासी को छोड़ कर कोई और स्टाफ बैंक में नहीं पहुंचा था। वे दोनों भी ये बताने में असमर्थ रहे, कि कैश आएगा, कि नहीं। बैंक के बाहर ग्राहकों की भीड़ इस इंतजार में बैठी रही, कि शायद नकदी आ जाए, समय आगे बढ़ा, तो ग्राहकों में गुस्सा बढ़ने लगा। नारेबाजी की जाने लगी, विकट स्थिति देख बैंक स्टाफ ने गेट पर नेटवर्क प्राब्लम की नोटिस लगा दी। जिसके बाद बहुत सारे लोग निराश होकर वापस लौट गए। इसमें ऐसे भी जरूरतमंद थे,, जिन्हें कैश की बहुत ही जरूरत थी।
गनवरिया बुजुर्ग निवासी राज कुमार गुप्ता ने कहा कि एक सप्ताह से दौड़ रहे हैं, कोई काम नहीं हो रहा है, यहां तक कि पैसा भी ट्रांसफर नहीं किया जाता है। सिसवा निवासी बरसाती के यहां सात मई को शादी है जबकि यहीं की ¨चका ने बताया कि दो दिन बाद रिश्तेदारी में विवाह है, पैसे की आवश्यकता है, चार दिनों से वे लोग बैंक का चक्कर मार रहे हैं, मगर भुगतान नहीं हो रहा है। नेबुआ निवासी सावित्री ने बताया कि लड़का बीमार है, छह दिन से बैंक आ रही है, दवा तक का पैसा नहीं है। इसके बाद भुगतान नहीं हो रहा है। इसी तरह सालेहा, खतीजा, राधिका आदि भी तीन-चार दिन से बैंक दौड़ रही हैं और फिर निराश होकर घर वापस लौट जा रही हैं। बैंक में मिले क्लर्क ने न तो अपना नाम बताया और न ही ये बताया कि समस्या कब खत्म होगी। शाखा प्रबंधक का मोबाइल नंबर बताने में भी असमर्थता प्रकट की।