सिद्धार्थनगर : सिद्धार्थ विश्वविद्यालय की परीक्षाएं आगामी 29 मई तक चलेंगी। फिर सत्र समय पर छूटे और नया सत्र समय पर शुरू हो इसके लिए भी विश्वविद्यालय प्रशासन गंभीर है। ऐसे में जैसे जैसे प्रश्नपत्र समाप्त हो रहे हैं, उनके मूल्यांकन में भी तेजी लाई जा रही है। शुक्रवार मूल्यांकन का सातवां दिन था। विश्वविद्यालय पहुंच शिक्षकों ने मूल्यांकन कार्य शुरू किया। टीम विश्व विद्यालय में पहुंच कर अपने-अपने विषयों का मूल्यांकन कर रहे है। हर कक्ष के मूल्यांकनकर्ता प्रोफेसरों की हर व्यवस्था पर ध्यान दिया जा रहा है। दूसरे जनपदों से आये प्रोफेसरों के जल जलपान के लिये दो कैंटीन बनाई गई है। चाय, नाश्ता, पानी की पूरी व्यवस्था की गई है। कुछ प्रोफेसरों ने विश्वविद्यालय के व्यवस्थाओं की सराहना की तो कुछ ने आवागमन को लेकर कठिनाई बताई। डा.अम्बुजेश मिश्रा, डा. वशिष्ठ प्रसाद वर्मा, डा.महेंद्र शंकर त्रिपाठी, डा. प्रवीण कुमार मिश्र ने बताया कि विश्वविद्यालय तक पहुंचने में अक्सर लेट हो जाता है। सड़क की हालत इतनी खराब है कि चलने लायक नही है। रोडवेज की कोई बसे नहीं चलने से परेशानी और अधिक बढ़ जाती है। इसलिए यहा पहुंचने में काफी दिक्कत होती है।
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परीक्षा को लेकर सख्त रहा प्रशासन
सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में सुबह की पाली में एमए फाइनल समाजशास्त्र की परीक्षा सम्पन्न हुई। सायं पाली में बीकाम प्रथम की इकोनामिक थ्योरी व एमए प्रथम वर्ष समाजशास्त्र, उर्दू की परीक्षा सम्पन्न हुई। कुलपति डा. रजनी कान्त पाण्डेय ने विश्वविद्यालय में चल रही परीक्षा का निरीक्षण किया। केंद्र व्यवस्थापक डा. दीपक मिश्रा ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन निष्पक्ष परीक्षा के लिए पूरी तरह कटिबद्ध है। ऐसे में किसी भी नकलची के लिए कोई मौका नहीं है।