मोहम्मद आरिफ खान
अमीरुद्दीन की यह सफलता उनकी कड़ी मेहनत, अटूट लगन और मजबूत संकल्प का परिणाम है। गौरतलब है कि पिछले वर्ष भी उन्होंने NEET में 643 अंक प्राप्त किए थे, लेकिन उन्हें मेडिकल कॉलेज में सीट नहीं मिल सकी। इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी, बल्कि और ज्यादा मेहनत के साथ एक बार फिर तैयारी में जुट गए। उनका आत्मविश्वास और हौसला काबिले तारीफ है।
इस वर्ष उन्होंने न केवल खुद को बेहतर साबित किया, बल्कि यह दिखा दिया कि कभी हार न मानने की भावना से किसी भी मंजिल को पाया जा सकता है। उनके इस जज़्बे को गांव और क्षेत्र के लोग सलाम कर रहे हैं।
गांव में भव्य स्वागत की तैयारियां चल रही हैं। ग्रामीणों में उत्साह का माहौल है, और हर कोई अमीरुद्दीन को युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत के रूप में देख रहा है।
यह सफलता न सिर्फ अमीरुद्दीन की है, बल्कि उन तमाम युवाओं की उम्मीद जगाने वाली है, जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखते हैं।