उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के तुलसीपुर के पूर्व चेयरमैन फिरोज अहमद उर्फ पप्पू चर्चित हत्याकांड का खुलासा करते हुए पूर्व सांसद रिजवान जहीर, उनकी बेटी जेबा रिजवान व दामाद रमीज अहमद समेत कुल 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस के मुताबिक, पूर्व चेयरमैन फिरोज पप्पू की हत्या राजनीतिक कारणों से कराई गई है।
पुलिस के मुताबिक, पूर्व सांसद ने राजनीतिक रसूख के लिए फिरोज की हत्या कराई है। फिरोज उनकी बेटी के टिकट पाने की राह में रोड़ा बन रहे थे। पूर्व सांसद तथा उनके परिजनों ने साजिश कर भाड़े के हत्यारों से पूर्व अध्यक्ष की हत्या कराई है।
पुलिस के अनुसार, फिरोज अहमद एंव पूर्व सांसद रिजवान जहीर समाजवादी पार्टी के सक्रिय सदस्य हैं। मृतक फिरोज अहमद पहले रिजवान जहीर के गुट के थे। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से फिरोज अहमद ने क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बना ली थी और उनकी लोकप्रियता प्रतिदिन बढ़ती जा रही थी। पूर्व में फिरोज अहमद और वर्तमान में उनकी पत्नी कहकशां फिरोज तुलसीपुर नगर पंचायत की चेयरमैन बन गई।
फिरोज अहमद का राजनीतिक वर्चस्व तेजी से बढ़ने लगा दोनों पक्ष सपा से टिकट पाने के होड में थे और पुरजोर तरीके से पैरवी कर रहे थे। इसी कारण मृतक फिरोज और पूर्व सांसद के बीच कटुता बढ़ती गई। जिसमें खुले तौर पर उनके दामाद रमीज तथा कार्यकर्ता मेराज द्वारा मृतक फिरोज अहमद को कई बार चैलेंज किया गया।
घटना के पूर्व दोनों पक्ष सपा से टिकट पाने के लिए लखनऊ गए हुए थे। पूर्व सांसद रिजवान जहीर अपनी बेटी जेबा रिजवान के लिए सपा के टिकट की पुरजोर तरीके से पैरवी कर रहे थे।
दूसरी ओर मृतक फिरोज अहमद जिन्हे तुलसीपुर में हिन्दु मुस्लिम दोनों समुदाय का समर्थन था। वो भी सपा से टिकट पाने के लिए अलग अलग माध्यम से पैरवी करवा रहे थे। इसी राजनैतिक कटुता के चलते रिजवान जहीर, बेटी जेबा रिजवान व दामाद रमीज, शकील द्वारा पूर्व चेयरमैन की हत्या का षडयंत्र रचा गया। योजना करीब एक माह पहले ही बनाई गई थी जिसमें उन्हें तीन बार मारने का प्रयास किया गया लेकिन हर बार असफल हो गए।
चार जनवरी की रात जब मृतक फिरोज लखनऊ से वापस घर लौटे तो रमीज ने मेराजुलहक ऊर्फ मामा व महफूज को अपने कोठी पर बुलाया और काम पूरा करने को कहा गया। उसी दिन दोनों ने फिरोज अहमद के घर के पास ही गली में घात लगाकर बैठ गए। फिरोज अहमद पैदल अपनी घर की ओर जा रहे थे तभी पहले से घात लगाए बैठें दोनों लोगों ने उन पर राड व चाकू से हमला कर उनकी हत्या कर दी गई।
पुलिस के मुताबिक, पूर्व सांसद ने राजनीतिक रसूख के लिए फिरोज की हत्या कराई है। फिरोज उनकी बेटी के टिकट पाने की राह में रोड़ा बन रहे थे। पूर्व सांसद तथा उनके परिजनों ने साजिश कर भाड़े के हत्यारों से पूर्व अध्यक्ष की हत्या कराई है।
पुलिस के अनुसार, फिरोज अहमद एंव पूर्व सांसद रिजवान जहीर समाजवादी पार्टी के सक्रिय सदस्य हैं। मृतक फिरोज अहमद पहले रिजवान जहीर के गुट के थे। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से फिरोज अहमद ने क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बना ली थी और उनकी लोकप्रियता प्रतिदिन बढ़ती जा रही थी। पूर्व में फिरोज अहमद और वर्तमान में उनकी पत्नी कहकशां फिरोज तुलसीपुर नगर पंचायत की चेयरमैन बन गई।
फिरोज अहमद का राजनीतिक वर्चस्व तेजी से बढ़ने लगा दोनों पक्ष सपा से टिकट पाने के होड में थे और पुरजोर तरीके से पैरवी कर रहे थे। इसी कारण मृतक फिरोज और पूर्व सांसद के बीच कटुता बढ़ती गई। जिसमें खुले तौर पर उनके दामाद रमीज तथा कार्यकर्ता मेराज द्वारा मृतक फिरोज अहमद को कई बार चैलेंज किया गया।
घटना के पूर्व दोनों पक्ष सपा से टिकट पाने के लिए लखनऊ गए हुए थे। पूर्व सांसद रिजवान जहीर अपनी बेटी जेबा रिजवान के लिए सपा के टिकट की पुरजोर तरीके से पैरवी कर रहे थे।
दूसरी ओर मृतक फिरोज अहमद जिन्हे तुलसीपुर में हिन्दु मुस्लिम दोनों समुदाय का समर्थन था। वो भी सपा से टिकट पाने के लिए अलग अलग माध्यम से पैरवी करवा रहे थे। इसी राजनैतिक कटुता के चलते रिजवान जहीर, बेटी जेबा रिजवान व दामाद रमीज, शकील द्वारा पूर्व चेयरमैन की हत्या का षडयंत्र रचा गया। योजना करीब एक माह पहले ही बनाई गई थी जिसमें उन्हें तीन बार मारने का प्रयास किया गया लेकिन हर बार असफल हो गए।
चार जनवरी की रात जब मृतक फिरोज लखनऊ से वापस घर लौटे तो रमीज ने मेराजुलहक ऊर्फ मामा व महफूज को अपने कोठी पर बुलाया और काम पूरा करने को कहा गया। उसी दिन दोनों ने फिरोज अहमद के घर के पास ही गली में घात लगाकर बैठ गए। फिरोज अहमद पैदल अपनी घर की ओर जा रहे थे तभी पहले से घात लगाए बैठें दोनों लोगों ने उन पर राड व चाकू से हमला कर उनकी हत्या कर दी गई।