मामला पीलीभीत जिले मे कूड़ेदान खरीद के नाम पर सरकारी धन के दुरुपयोग का है. जिले में स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्राम पंचायतों में कूड़ादान रखे गए थे. ज्यादातर ग्राम पंचायतों में प्रधान और सचिवों ने कूड़ेदान के नाम पर सरकारी धनराशि का दुरुपयोग किया.
कूड़ेदान के नाम पर रखा कबाड़खाने का ड्रम
कूड़ेदान के नाम पर कबाड़ की दुकानों से लोहे की ड्रम खरीदने के बाद कटवाकर उन्हें पेंट कराया गया. फिर उन्हीं को नए कूड़ेदान दिखाकर गांवों में रखवा दिया था.
इनकी कीमत तीन हजार से छह हजार तक प्रति कूड़ेदान के तौर पर निकाली गई थी. इसकी जांच की गई तो 164 ग्राम प्रधान और 40 पंचायत सचिव दोषी पाए गए थे. घोटाला भी 99 लाख के आसपास का निकला था.
धनराशि नहीं जमा हुई तो नहीं लड़ पाएंगे चुनाव
22 ग्राम पंचायतों ने धनराशि जमा कर दी थी, पर शेष 142 ने अभी तक जमा नहीं की, जबकि उनको कई बार रिमांडर भी भेजा जा चुका है, इसके बाद भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
इस पर मौजूदा डीएम पुलकित खरे ने सख्ती दिखाते हुए सभी ग्राम प्रधानों को अंतिम नोटिस जारी करते हुए एक हफ्ते में गबन की धनराशि जमा करने के निर्देश दिए. यदि प्रधानों ने पैसा नहीं जमा किया तो उन्हें चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह प्रतिबंधित करते हुए कठोर कार्रवाई की जाएगी.