मोहम्मद आरिफ खान
सिद्धार्थनगर:जिले मे नदियों के उफान के बाद अब जलस्तर घटने लगा है. जलस्तर घटने के साथ ही कई जगहों पर भीषण कटान भी हो रहा है. जिससे आम लोगों की चिंताए बढ़ गई है.
शोहरतगढ तहसील क्षेत्र के मटियार उर्फ भुतहवां के मटियार के पास बुढ़ी राप्ती का भीषण कटान जारी है. मंगलवार को बुढ़ी राप्ती से सट कर गुजरने वाली कठेला तुलसियापुर मार्ग में एक बड़ा दरार पड़ गया. जिससे सड़क का नदी में समा जाने का खतरा बना हुआ है.
बूढ़ी राप्ती का ये कटान मटियार उर्फ भुतहवां गांव के मटियार टोले के अस्तित्व को खत्म कर सकता है. ग्रामीणों की वर्षों से कटान को सुरक्षित करने की एक ही मांग रहीं है. बावज़ूद इसके ना तो किसी नेता और ना ही अधिकारी का ध्यान इस क्षेत्र की तरफ जाता है.
नेताओँ और अधिकारीयों ने वर्षों से सिर्फ आश्वासन देने मे ही गंभीरता दिखाई है. लेकिन कभी इस क्षेत्र की मुख्य समस्या पर गंभीरता से काम नहीं किया गया.
मटियार उर्फ भुतहवां से लगभग 500 मीटर की दूरी पर खैरी उर्फ झुगहवा गांव स्थित है. यहाँ भी गांव से थोड़ी ही दूरी पर बुढ़ी राप्ती कठेला तुलसियापुर मार्ग से सट कर गुजरती है और भीषण कटान करती है जिससे ग्रामीण डरे हुए है.
2017 के भीषण बाढ़ मे झुगहवा गांव के पास कठेला तुलसियापुर मार्ग कट गया था जिससे भीषण तबाही मची थी. तब भी बड़े बड़े वादे किए गए थे लेकिन तीन साल बीत चुके है जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं हुआ.
2017 मे बाढ़ से हालात इतने बिगड चुके थे कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी इस क्षेत्र का दौरा किया था. लेकिन अधिकारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने सीएम के दौरे को भी गंभीरता से लिया.
लापरवाही का आलम यह है कि खैरी उर्फ झुगहवा गांव के काटन के पास सात साल पहले बोलडर बना कर एक गरीब किसान के खेत में रखा हुआ है लेकिन आजतक किसी अधिकारी ने बोलडर कटान पर डलवा कर उसे सुरक्षित करना भी जरूरी नहीं समझा.
हम आपको बता दे कि हफ्ते भर पहले इसी कटान का दौरा जिलाधिकारी ने किया था. उन्होंने कहा था कि डरने की जरूरत नहीं है प्रशासन आपके साथ है लेकिन हक़ीक़त ये है शोहरतगढ तहसील प्रशासन के रवैये से डर लगता है.