रियाज खान
सिद्धार्थनगर: इटवा विद्युत परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत कठेला जनूबी के टोला हौसिलवाबाद के पास गुजर रही अनउपयोगी विद्युत तार जो कि ट्यूबवेल मे विद्युत सप्लाई देता था परन्तु वर्षों पूर्व नलकूप विभाग द्वारा ट्यूबवेल को अनउपयोगी घोषित कर दिया गया क्योकि बोरिंग पूरी तरह खराब हो चुकी थी।
पूर्व मे इसी अनुपयोगी तार की वजह से अनेकों घटनाऐं घटित होती आ रही हैं ऐसा प्रतीत होता है कि विभाग लोगों के जानमाल के नुकसान के लिए ही इन अनउपयोगी तारों को छोड रखा है। तार जो गुजर रहे हैं वो हरे सागौन के डालियों के मध्य सू गुजर रहे हैं और हवा के झोकों से प्रायः तार टूटकर सडक पर गिरते रहते हैं और राहगीर चपेट मे आ जाते हैं।
लोगों द्वारा अनेकों बार कहा गया कि जर्जर लकडी के खम्भों को बदल दीजिए और इन लटक रहे बेकार के तारों को निकाल दीजिए लेकिन घटना के समय अधिकारी आश्वासन देकर चले जाते हैं और जाकर भूल जाते हैं और अगली घटना घटित होने का इंतजार करते हैं पुनः दूसरी घटना होनें पर यही ख्वाब दिखाकर लोगों को चले जाते हैं और भूल जाते हैं।
चार लकडी के खम्भे इतने जर्जर हो गये हैं कि लाईन मैन को तार उतारने मे भय रहा है क्योंकि ये खम्भे आधा झुके हुए हैं और थोडा भी दबाव देने पर गिरने की पूरी संभावना है लेकिन आज दिनांक को लाइन मैन गुठई द्वारा बडी मुश्किल से पेडों के बीच से गुजर रहे उस तार को निकाला दिया गया जिसमे विद्युत की सप्लाई बेकार ही हो रही थी ।
देर सवेर जब ये जर्जर खम्भे गिरेंगे तब ये बहुत ही भीषण दुर्घटना को अंजाम देंगे यदि विभाग किसी भी अप्रिय भीषण दुर्घटना को रोकना चाहता है और लोगों के जानमाल की रक्षा करना चाहता है तो तत्काल इन जर्जर खम्भों को बदलने की व्यवस्था करे बगल मे तीन पत्थर के खम्भे बेकार खडे हैं इन्हें भी उपयोग किया जा सकता है लेकिन जब विभाग की इच्छाशक्ति ही नहीं है तो और किया ही क्या जा सकता है?
ग्रामीणों ने यह बात जरूर कहा है कि अब यदि घटना घटित होती है तो अब हम लोग अब सब्र नहीं करेंगे और विभाग को इसका परिणाम भुगतना ही पडेगा क्योंकि हम लोगों ने विभाग से अनेकों बार समस्या के समाधान हेतु कहा है लेकिन समाधान के बजाय बार बार केवल बेवकूफ बनाने का ही काम कर रहा है।
सिद्धार्थनगर: इटवा विद्युत परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत कठेला जनूबी के टोला हौसिलवाबाद के पास गुजर रही अनउपयोगी विद्युत तार जो कि ट्यूबवेल मे विद्युत सप्लाई देता था परन्तु वर्षों पूर्व नलकूप विभाग द्वारा ट्यूबवेल को अनउपयोगी घोषित कर दिया गया क्योकि बोरिंग पूरी तरह खराब हो चुकी थी।
पूर्व मे इसी अनुपयोगी तार की वजह से अनेकों घटनाऐं घटित होती आ रही हैं ऐसा प्रतीत होता है कि विभाग लोगों के जानमाल के नुकसान के लिए ही इन अनउपयोगी तारों को छोड रखा है। तार जो गुजर रहे हैं वो हरे सागौन के डालियों के मध्य सू गुजर रहे हैं और हवा के झोकों से प्रायः तार टूटकर सडक पर गिरते रहते हैं और राहगीर चपेट मे आ जाते हैं।
लोगों द्वारा अनेकों बार कहा गया कि जर्जर लकडी के खम्भों को बदल दीजिए और इन लटक रहे बेकार के तारों को निकाल दीजिए लेकिन घटना के समय अधिकारी आश्वासन देकर चले जाते हैं और जाकर भूल जाते हैं और अगली घटना घटित होने का इंतजार करते हैं पुनः दूसरी घटना होनें पर यही ख्वाब दिखाकर लोगों को चले जाते हैं और भूल जाते हैं।
चार लकडी के खम्भे इतने जर्जर हो गये हैं कि लाईन मैन को तार उतारने मे भय रहा है क्योंकि ये खम्भे आधा झुके हुए हैं और थोडा भी दबाव देने पर गिरने की पूरी संभावना है लेकिन आज दिनांक को लाइन मैन गुठई द्वारा बडी मुश्किल से पेडों के बीच से गुजर रहे उस तार को निकाला दिया गया जिसमे विद्युत की सप्लाई बेकार ही हो रही थी ।
देर सवेर जब ये जर्जर खम्भे गिरेंगे तब ये बहुत ही भीषण दुर्घटना को अंजाम देंगे यदि विभाग किसी भी अप्रिय भीषण दुर्घटना को रोकना चाहता है और लोगों के जानमाल की रक्षा करना चाहता है तो तत्काल इन जर्जर खम्भों को बदलने की व्यवस्था करे बगल मे तीन पत्थर के खम्भे बेकार खडे हैं इन्हें भी उपयोग किया जा सकता है लेकिन जब विभाग की इच्छाशक्ति ही नहीं है तो और किया ही क्या जा सकता है?
ग्रामीणों ने यह बात जरूर कहा है कि अब यदि घटना घटित होती है तो अब हम लोग अब सब्र नहीं करेंगे और विभाग को इसका परिणाम भुगतना ही पडेगा क्योंकि हम लोगों ने विभाग से अनेकों बार समस्या के समाधान हेतु कहा है लेकिन समाधान के बजाय बार बार केवल बेवकूफ बनाने का ही काम कर रहा है।