सिद्धार्थनगर:तुलसियापुर-कठेला-बजराभारी मार्ग के चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है। चौड़ीकरण कार्य से सैकड़ों वर्ष से आबाद खैरी उर्फ झुंगहवां के झुंगहवां टोले के दर्जनों घरों पर पीडब्ल्यूडी विभाग ने घरों पर निशान लगाकर उन्हें गिराने का आदेश सुना दिया है।
जिसके चलते पूर्व प्रधान रामदीहल, मयाराम, सुदामा, पतिराम, काशीराम, कल्लू, हरिप्रसाद, दशाले, ध्रुवपाल समेत तीस से अधिक लोगों ने अपने-अपने घरों को तोड़ भी दिया है।
ग्रामीणों के मुताबिक खैरी उर्फ झुंगहवां के झुंगहवां टोले में रहने वाले लोग शैक्षिक, सामाजिक व आर्थिक रुप से पिछड़े हुए हैं। टोला लगभग हर वर्ष बाढ़ की चपेट में आ जाता है।
ग्रामीणों ने बताया कि गांव के बाहर मटियार के पास स्थित समय माता मंदिर से सड़क को मोड़कर मनिकौरा से होते हुए झुंगहवां-कठेला तक बने नये मार्ग से मिला दिया जाए तो दर्जनों घर टूटने से बच सकते हैं।
गत तीन सितम्बर को शोहरतगढ़ में आयोजित तहसील दिवस में सैकड़ों लोगों ने प्रार्थना पत्र देकर सड़क चौड़ीकरण कार्य को झुंगहवां से पहले रोकने की मांग किया है।
"हमारे घरों को तोड़ने का फरमान सुनाया गया है।डर से हमने अपने-अपने घरों को तोड़ लिया है। अब हमारे पास रहने की जगह नहीं है।"
फूलमती
"हम अभी तक अपने घरों पर छत नहीं लदवा पाये हैं।तब तक हमें अपने घरों को तोड़ने का फरमान सुना दिया गया है। कोई सुनने को तैयार नहीं है।"
सबरुन्निशा
"हमारे टूटे घरों का सरकार को मुआवजा देना चाहिए।ह टोले में गरीब परिवारों की संख्या अधिक है। हम पुनः अपने घर को पुनः कैसे बनवा पायेंगे। समझ में नहीं आ रहा है।"
जुगिया
"अगर दो-तीन दिन में समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वह पीड़ित ग्रामीणों के साथ गांव में ही आमरण अनशन करेंगे।"
बदरे आलम (अध्यक्ष) स्वतन्त्रता सेनानी मौलाना अब्दुल कयूम फाउन्डेशन
जिसके चलते पूर्व प्रधान रामदीहल, मयाराम, सुदामा, पतिराम, काशीराम, कल्लू, हरिप्रसाद, दशाले, ध्रुवपाल समेत तीस से अधिक लोगों ने अपने-अपने घरों को तोड़ भी दिया है।
ग्रामीणों के मुताबिक खैरी उर्फ झुंगहवां के झुंगहवां टोले में रहने वाले लोग शैक्षिक, सामाजिक व आर्थिक रुप से पिछड़े हुए हैं। टोला लगभग हर वर्ष बाढ़ की चपेट में आ जाता है।
ग्रामीणों ने बताया कि गांव के बाहर मटियार के पास स्थित समय माता मंदिर से सड़क को मोड़कर मनिकौरा से होते हुए झुंगहवां-कठेला तक बने नये मार्ग से मिला दिया जाए तो दर्जनों घर टूटने से बच सकते हैं।
गत तीन सितम्बर को शोहरतगढ़ में आयोजित तहसील दिवस में सैकड़ों लोगों ने प्रार्थना पत्र देकर सड़क चौड़ीकरण कार्य को झुंगहवां से पहले रोकने की मांग किया है।
"हमारे घरों को तोड़ने का फरमान सुनाया गया है।डर से हमने अपने-अपने घरों को तोड़ लिया है। अब हमारे पास रहने की जगह नहीं है।"
फूलमती
"हम अभी तक अपने घरों पर छत नहीं लदवा पाये हैं।तब तक हमें अपने घरों को तोड़ने का फरमान सुना दिया गया है। कोई सुनने को तैयार नहीं है।"
सबरुन्निशा
"हमारे टूटे घरों का सरकार को मुआवजा देना चाहिए।ह टोले में गरीब परिवारों की संख्या अधिक है। हम पुनः अपने घर को पुनः कैसे बनवा पायेंगे। समझ में नहीं आ रहा है।"
जुगिया
"अगर दो-तीन दिन में समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वह पीड़ित ग्रामीणों के साथ गांव में ही आमरण अनशन करेंगे।"
बदरे आलम (अध्यक्ष) स्वतन्त्रता सेनानी मौलाना अब्दुल कयूम फाउन्डेशन