शोहरतगढ़ सिद्धार्थनगर- स्थानीय कस्बे में मोहर्रम की दसवीं का जुलूस अकीदतमंदों ने पूरे जोश व खरोश से निकाला। ढोल ताशों और नगाड़ो के अलावा तलवारबाजी का खेल भी हुआ। काफी लोगों ने इस मौके पर रोजे भी रखे।
जनपद सहित जिले के अति संवेदनशील कस्बे में शुमार शोहरतगढ़ में भी मोहर्रम जुलूस को लेकर प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद दिखा। शोहरतगढ़ में जुलूस की निगरानी के लिए सुरक्षा का विशेष इंतजाम देखने को मिला।
बताते चले कि इस कस्बे में मोहर्रम जुलूस के दौरान बीते वर्षों एक बार हिंसा हो चुकी है। यही वजह रहा कि शोहरतगढ़ कस्बे में जुलूस की निगरानी के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए।
12 सीसीटीवी व 6 गुप्त कैमरे लगाये गये। जुलूस की निगरानी के लिए पूरा क़स्बा पुलिस छावनी में तब्दील रहा। वहीं इस कस्बे में 2 प्लाटून पीएससी, 100 आरक्षी, 40 स्पेशल फोर्स, 7 एलआईयू, 1 सीओ,1 मजिस्ट्रेट, 4 इंस्पेक्टर,10 सब इंस्पेक्टर और 10 महिला आरक्षी लगाये गए थे।
जूलूस सहाबू उस्ताद के घर से दुआ माँग कर अखाड़े के खेल से शुरु हुआ और पारंपरिक ढोल से मैदाने जंग में बजने वाले शिशेष ध्वनि पर हुसैन के शहादत के नारे या हुसैन इब्ने अली की सदा गूंजने लगी नारे अखाड़े और ढोल तासों के बीच जुलूस जामा मस्जिद मार्ग पर पहुँचा। जहां अखाड़े वालों ने खेल दिखाकर सबका मन मोह लिया।
बच्चों द्वारा लाठी का खेल दिखाया गया। इसके बाद आगे तलवार बाज़ी, फरसा, बल्लम से खेल दिखाया गया। जुलूस वस्ताद के मोहल्ले से 1ः00 बजे बजे निकला और जामा मस्जिद, हाजी जब्बार जी के मोहल्ले, गोलघर, डॉक्टर अंसारी गली होते हुए, रमजान गली, पुलिस पिकेट, गोलघर मार्ग, राम जानकी मंदिर समझोता रेखा पार करके गड़ाकुल करबला पर जाकर मुकम्मल हुआ।
गोलघर चैराहे पर एक दर्जन लठैतों के द्वारा एक व्यक्ति पर सामूहिक आक्रमण का खेल दिखाया गया। इसमें कर्बला में शहीद हुए हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 बहादुर साथियों को अकीदतमंदों ने खराजे अकीदत पेश किया गया। जुलूस का जगह जगह जबर्दस्त इस्तेकबाल (स्वागत) किया गया।
इस दौरान अल्ताफ हुसैन, वीरेंद्र तिवारी, अखाड़ा उस्ताद इंसान अली, मोबीन, अज्जू, गोलू, इज़हार हुसैन ,अज़मत,कलीम, जावेद, शाहरुख खान ,शारूख,बाबूजी, शाह,मेराज हसन, सभासद अशरफ अंसारी उर्फ बाबूजी, नियाज अहमद, मोहम्मद शकील खान, अहमद अंसारी, जफर मिस्त्री, अख्तर, फरीद अहमद ,अरमान अंसारी, परवेज रहमान,सद्दाम हुसैन, आदि भारी संख्या में लोग मौजूद रहे ।