मोहम्मद आरिफ खान/ प्रदीप कुमार साहनी
सिद्धार्थनगर:18 अगस्त 2017 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने सिद्धार्थनगर आए थे। उस समय सीएम ने बढ़नी ब्लॉक के खैरी शीतल प्रसाद गांव का दौरा किया था लेकिन आज उसी गांव के लोग एक बार फिर चुनाव बहिष्कार करने के बारें में सोच रहें हैं।
पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिला सिद्धार्थनगर के शोहरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र के खैरी शीतल प्रसाद ग्राम सभा में जब मुख्यमंत्री आए तब एक उम्मीद जगी थी की अब विकास होगा लोगों ने सोचा था कि गाँव की तस्वीर बदल जाएगी। समय बीतता गया अंत में लोगों को निराशा ही हाथ लगी। मुख्यमंत्री के दौरे का और उनके घोषणाओं और अधिकारियों को दिए गए निर्देशो का कोई खास प्रभाव नही पड़ा।
गांव के सड़क की हालत
खैरी शीतल प्रसाद विकास से कोसों दूर हैं। गांव के लोगों का आरोप है कि आजतक इस गांव विकास नही हुआ है। आज भी गांव में कच्चे रास्ते हैं। नाली नही बनने से पानी की निकासी नही है जिससे रास्ते हमेशा कीचड़ से भरे रहते हैं। जो पूरे गांव के लिए एक मुसीबत है। बच्चों का स्कूल जाने का रास्ता भी कच्चा है जिससे उन्हें स्कूल जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
बरसात में कच्ची सड़के कीचड़ व गंदगी से पट जाती हैं जिससे गांव से बाहर निकलना दूभर हो जाता हैं। और तरह तरह की बीमारियों से लोग पीड़ित हो जाते हैं।
खैरी शीतल प्रसाद गांव में मौजूद सीएम योगी, जगदम्बिका पाल
खैरी शीतल प्रसाद गांव बाढ़ के समय सबसे ज्यादा प्रभावित होता है। यह गांव 2017 के बाढ़ में पूरी तरह डूब गया था जिससे लोग गांव छोड़ने पर मजबूर हो गए थे। इस बात की जानकारी मुख्यमंत्री से लेकर सांसद विधायक व अधिकारियों को भी है लेकिन आजतक घोषणाओं और वादों के अलावा गांव को कुछ नही मिला। स्थानीय विधायक हो या सांसद सब ने आश्वासन ही दिया है काम किसी ने नही किया।
गांव का दौरा करने जब सीएम आए थे तब ग्रामीणों ने हर साल बाढ़ से तबाही की पीड़ा जाहिर की थी इससे निजात के लिए नदी के पास ठोकर बनवाने की मांग की थी। ग्रामीणों की पीड़ा को दूर करने के लिए सीएम योगी ने सांसद जगदंबिका पाल और विधायक चौधरी अमर सिंह को निर्देश दिया था कि प्रस्ताव तैयार कर भिजवाए स्वीकृति प्रदान की जाएगी लेकिन दो साल का समय होने वाला है आजतक ना कोई प्रस्ताव दिखा ना ही कोई काम हुआ। जिससे ग्रामीणों में रोष है।
स्कूल जाने वाला रास्ता
नाराज ग्रामीणों ने कहा जब भी कोई चुनाव हुआ है तो सत्ता में आने वाली पार्टी हो या दूसरी पार्टी के प्रत्याशी हों सभी ने वोट लेने के लिए समस्या दूर करने का आश्वासन तो दिया लेकिन चुनाव बाद किसी ने सुध नही ली। ग्रामीणों ने समस्याओं को लेकर कई बार प्रदर्शन भी किया बावजूद इसके आजतक गांव की समस्याए दूर नही हो पाई।
गांव का विकास ना होने के कारण नाराज ग्रामीण एक बार फिर लोकसभा चुनाव में वोट बहिष्कार करने का मन बना रहे हैं। इससे पहले विधानसभा चुनाव में ग्रामीणों ने गांव के समस्याओं को लेकर चुनाव बहिष्कार का एलान किया था।
इस मौके पर प्रदीप कुमार साहनी, रिजवान खान, इंद्रमणि पांडेय, विदेश यादव, अशोक, अब्दुल्लाह, रामविलास, जिन्गी, जमीरउल्लाह, बिंदेश्वरी आदि ग्रामीणों ने प्रशासन और नेताओं को चेताते हुए कहा कि यदि समय रहते गांव के विकास के लिए कोई कदम नही उठाया गया तो हम लोग चुनाव बहिष्कार करेंगे।
कमी सरकार की नहीं, वहाँ के ग्राम प्रधान की है... विकास उनको रास नहीं आती है।
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