नेपाल की संसद ने महिलाओं को लेकर बुधवार को बडा फैसला लिया। संसद ने उस प्राचीन हिन्दू मान्यता को आपराधिक करार दिया जिसमें माहवारी के दौरान महिलाओं को घर से बाहर कर दिया जाता है। नेपाल मे कई समुदायों के लोग महिलाओं की माहवारी को अशुद्ध मानते हैं। इसे चौपदी प्रथा के नाम से जाना जाता है।
नेपाल संसद के नए फैसले के मुताबिक किसी महिला पर इस प्रथा का पालन करने के लिए दबाव बनाने वाले को तीन महीने के जेल की सजा या तीन हजार रूपये का जुर्माना या दोनों का प्रवाधान किया गया है। एकमत से पास किए गए इस कानून के अनुसार, माहवारी के दौरान या प्रसव के बाद किसी महिला को चौपदी मे रखा जाता है या इसके समान कोई अन्य छूआछूत या अमानवीय व्यवहार जैसा भेदभाव नही किया जा सकता।
नेपाल संसद के नए फैसले के मुताबिक किसी महिला पर इस प्रथा का पालन करने के लिए दबाव बनाने वाले को तीन महीने के जेल की सजा या तीन हजार रूपये का जुर्माना या दोनों का प्रवाधान किया गया है। एकमत से पास किए गए इस कानून के अनुसार, माहवारी के दौरान या प्रसव के बाद किसी महिला को चौपदी मे रखा जाता है या इसके समान कोई अन्य छूआछूत या अमानवीय व्यवहार जैसा भेदभाव नही किया जा सकता।