लखनऊ(जेएनएन)। सत्ता हासिल करने के महीने भर बाद भाजपा सरकार ने अंतत: डीजीपी एस. जावीद अहमद को हटा दिया। भाजपा ने 1980 बैच के सबसे वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी सुलखान सिंह को डीजीपी बनाया है। एडीजी कानून-व्यवस्था और अभिसूचना समेत कई महत्वपूर्ण पदों पर भी नई तैनाती की गई है। सरकार ने शुक्रवार को कुल 12 आइपीएस अफसरों का तबादला किया है।
बांदा जिले के निवासी सुलखान सिंह 30 सितंबर, 2017 को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। संभव है कि सरकार उनका कार्यकाल बढ़ाने की भी सिफारिश करे, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट की यह गाइड लाइन है कि डीजीपी की तैनाती दो वर्ष के लिए की जाए। सुलखान सिंह सख्त अफसर माने जाते हैं। बसपा सरकार के दौरान उन्होंने भर्ती घोटाले की जांच की थी। सपा सरकार के आने के बाद लंबे समय तक उन्हें महत्वहीन पद पर तैनात किया गया। बहुत बाद में उन्हें डीजी प्रशिक्षण बनाया गया।
UP DGP #JaveedAhmed shunted out; #SulkhanSingh to replace him as Adityanath govt transfers 12 IPS officers.
— Press Trust of India (@PTI_News) April 21, 2017
जावीद की तैनाती में हुई थी वरिष्ठता की अनदेखी
चुनाव के दौरान भाजपा ने लगातार डीजीपी जावीद अहमद को हटाने की निर्वाचन आयोग से मांग की। तब आरोप था कि सपा सरकार ने दर्जन भर अधिकारियों की वरिष्ठता की अनदेखी कर जावीद को डीजीपी बनाया है, लिहाजा उनसे निष्पक्षता की अपेक्षा नहीं की जा सकती है। सपा सरकार ने मुस्लिम एंगल से जावीद अहमद को डीजीपी बनाया था। माना जा रहा था कि भाजपा सरकार बनते ही जावीद को हटा दिया जाएगा। हालांकि योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद एक माह से अधिक समय तक जावीद अहमद को कुर्सी पर बनाए रखा। उन्हें डीजी पीएसी जैसे महत्वपूर्ण पद पर स्थानांतरित भी किया गया है।
एडीजी कानून-व्यवस्था दलजीत सिंह चौधरी को भी ईओडब्लू जैसा महत्वपूर्ण दायित्व दिया गया है। भाजपा सरकार ने नए चयन में वरिष्ठता का ध्यान रखा है। एडीजी कानून-व्यवस्था बनाए गए आदित्य मिश्रा 1989 बैच के अधिकारी हैं और वह गोरखपुर जोन के आइजी भी रह चुके हैं। इसके अलावा 1987 बैच के आइपीएस अधिकारी भवेश कुमार सिंह को एडीजी अभिसूचना की जिम्मेदारी मिली है। भवेश कुमार सिंह भी गोरखपुर जोन के आइजी रह चुके हैं और मेरठ और आगरा जोन के आइजी का भी दायित्व निर्वहन कर चुके हैं।
UP ADG (Law & Order) #DaljitSingh also transferred in the first major reshuffle involving IPS officers by the Adityanath govt.
— Press Trust of India (@PTI_News) April 21, 2017
सपा सरकार ने बनाए आठ डीजीपी
भाजपा सरकार ने वरिष्ठता का ध्यान रखते हुए डीजीपी की तैनाती की है लेकिन, सपा सरकार में इसकी अनदेखी होती रही। सपा सरकार ने अपने कार्यकाल में आठ डीजीपी बनाए और कई कनिष्ठों को अपने वरिष्ठों को सुपरसीड करने का अवसर दिया। उल्लेखनीय है कि बसपा हुकूमत में डीजीपी बने बृजलाल को चुनाव के दौरान हटाकर निर्वाचन आयोग ने आठ जनवरी, 2012 को अतुल को डीजीपी बनाया था। 15 मार्च को अखिलेश सरकार ने शपथ ग्रहण के चौथे ही दिन अतुल को हटाकर एसी शर्मा को डीजीपी बनाया। एसी शर्मा 12 अप्रैल, 2013 तक डीजीपी बने रहे। फिर देवराज नागर को डीजीपी बनाया गया और वह 31 दिसंबर, 2013 को डीजीपी रहते हुए सेवानिवृत्त हुए।
फिर दो माह के लिए रिजवान अहमद डीजीपी बने और वह 28 फरवरी, 2014 को सेवानिवृत्त हुए। रिजवान के बाद एएल बनर्जी को डीजीपी बनने का मौका मिला और वह भी 31 दिसंबर, 2014 को सेवानिवृत्त हुए। फिर एक माह के लिए अरुण कुमार गुप्ता को सरकार ने डीजीपी बनाया और उसके बाद 31 जनवरी, 2015 को एके जैन दो माह के लिए डीजीपी बने। बाद में फिर जैन को तीन माह का सेवा विस्तार भी मिला। 30 जून, 2015 को उनके सेवानिवृत्त होने पर जगमोहन यादव डीजीपी बने और 31 दिसंबर, 2015 को वह सेवानिवृत्त हो गए। फिर जावीद अहमद डीजीपी बनाए गए और एक वर्ष चार माह का कार्यकाल पूरा किए। इस बीच उन्हें सरकार ने हटा दिया।
नाम- वर्तमान - नवीन तैनाती
1-सुलखान सिंह- डीजी प्रशिक्षण-डीजीपी
2-एस.जावीद अहमद- डीजीपी-डीजी पीएसी
3-डॉ.सूर्य कुमार-अध्यक्ष पुलिस भर्ती बोर्ड के साथ डीजी अभियोजन का अतिरिक्त प्रभार- डीजी अभियोजन के अतिरिक्त प्रभार से अवमुक्त, अध्यक्ष पुलिस भर्ती बोर्ड के पद पर बने रहेंगे
4-जवाहर लाल त्रिपाठी-डीजी अभिसूचना-डीजी अभियोजन
5-आलोक प्रसाद-डीजी होमगार्ड-डीजी होमगार्ड के साथ महानिदेशक प्रशिक्षण का अतिरिक्त कार्यभार।
6-आदित्य मिश्र-एडीजी, आर्थिक अपराध शाखा के साथ लाजिस्टिक्स लखनऊ का अतिरिक्त प्रभार-अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था।
7-भवेश कुमार सिंह- एडीजी सुरक्षा-एडीजी अभिसूचना।
8-विजय कुमार- एडीजी, एटीसी सीतापुर-एडीजी अभिसूचना।
9-दलजीत चौधरी-एडीजी कानून व्यवस्था- एडी