सिद्धार्थनगर। सरकार डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने में जुटी हुई है तो इधर बैंकों में कैश की किल्लत फिर से शुरू हो गई है। जिले के अधिकांश बैंक शाखाओं में कैश का टोटा हो गया है। बाहर से कैश न आने के चलते स्थानीय जमा के आधार पर बैंकों में लेन-देन की प्रक्रिया जैसे-तैसे निपटाई जा रही है। कैश किल्लत का आलम यह है कि बुधवार को नगर के ज्यादातर एटीएम पर ताला लटकता रहा। सेंट्रल बैंक के एटीएम पर कैश के लिए ग्राहकों की लंबी कतार थी, बावजूद कइयों को निराश लौटना पड़ा।
जिले में विभिन्न बैंकों की करीब 138 शाखाएं हैं। इनमें लेन-देन के लिए रोजाना करीब 5-6 करोड़ रुपये कैश की जरूरत होती है। इसके सापेक्ष नकदी की उपलब्धता इन दिनों नाम मात्र की है। बाहर से कैश न आने के कारण बैंक शाखाओं में कैश की किल्लत है। स्थानीय स्तर पर जो रुपये जमा हो रहे हैं, उससे ही ग्राहकों को लौटाया जा रहा है। कैश किल्लत के चलते ज्यादातर एटीएम खाली हैं। नगर में एसबीआई मुख्य शाखा, बैंक ऑफ बड़ौदा, पीएनबी, बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक सहित अन्य बैंकों के एटीएम पर सन्नाटा रहा। कहीं कैश न होने से ग्राहक सेंट्रल बैंक के एटीएम पर कतार लगाए रहे। यहां भी घंटे भर इंतजार के बाद कई ग्राहक खाली हाथ लौटे। कैश की यह किल्लत कब खत्म होगी, जिम्मेदारों को भी नहीं पता। लीड बैंक अफसर कल्पनाथ अनुरागी का कहना है कि लगातार पत्राचार किया जा रहा है। अभी कोई समुचित जवाब नहीं मिला है। फिलहाल व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए स्थानीय स्तर पर कैश से काम चलाया जा रहा है। लोगों को ज्यादा से ज्यादा डिजिटल लेन-देन की सलाह दी जा रही है। बस अंगूठा लगाकर ग्राहक कोई भी खरीदारी कर सकते हैं। इसके लिए सिर्फ उनका आधार नंबर बैंक खाते से लिंक होना जरूरी है। उन्होंने सभी ग्राहकों को इस तरह से लेन-देन के लिए प्रोत्साहित किया।
बैंक पर लगा नो कैश का बोर्ड, ग्राहक परेशान
शोहरतगढ़। कस्बा स्थित एसबीआई शाखा के गेट पर कैश नहीं है का बोर्ड लगा हुआ है। बैंक के कर्मचारी अंदर काम कर रहे है, लेकिन कैश न होने से ग्राहकों को रकम नहीं मिल रहा है। बुधवार को बैंक पर क्षेत्र के उपभोक्ता धन निकासी के लिए सुबह दस बजे पहुंचे। बैंक खुला देख ग्राहक रकम निकालने के लिए लाइन में लग गए। बाद में उन्हें मायूस लौटना पड़ा।
पिछले एक पखवारे से कैश न आने के चलते यह स्थिति बनी हुई है।
अधिकांश ग्राहक बैंक खुला होने के कारण नोटिस पर ध्यान दिए बिना सीधे बैंक में घुस जा रहे हैं। यहां कैश न होने पर कर्मचारियों से नोक-झोंक की स्थिति बन रही है। बैंक के फील्ड आफिसर शिवपूजन के मुताबिक करीब एक पखवारे से बैंक में कैश की किल्लत है। मुख्य शाखा से कैश न आने के कारण ग्राहकों को भुगतान नहीं दिया जा रहा। जो रकम बैंक में प्रतिदिन उपभोक्ता जमा कर रहे है, उसी को जरूरत के हिसाब से लोगों में बांटा जा रहे है। जल्द ही कैश आने की सूचना अधिकारियों ने दी है। कैश आते ही लोगों की समस्या का समाधान हो जाएगा।
बंद पड़ा एटीएम, लोग परेशान
बांसी। एसबीआई रमवापुर कली का एटीएम 6 माह से बंद पड़ा है, इससे लोगों को परेशानी हो रही है। क्षेत्र के लोग कई बार एटीएम खोलने के की मांग भी कर चुके हैं। बावजूद इसके जिम्मेदार समस्या पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। बांसी- इटवा मार्ग पर रमवापुर कली में एटीएम खोला गया था। मगर 6 माह से एटीएम मशीन खराब होने के कारण बंद पड़ा है। इससे एटीएम धारक को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उपभोक्ताओं को पैसे निकालने के लिए गोल्हौरा से जिगिनिहवां जाना पड़ता है। मामले को लेकर कई लोगों बैंक मैनेजर को अवगत कराया, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई। इस संबंध में बैंक मैनेजर से पूछने पर बताया कि मशीन को बदलना है। इसलिए उसे चालू नहीं किया जा रहा है।
लिंक फेल होने से नहीं हो सका लेन-देन
डुमरियागंज।
भवानीगंज स्थित एसबीआई की शाखा पर कनेक्टीविटी फेल होने के कारण सुबह से ही गेट पर ताला लटकता रहा। इससे ग्राहकों को लौटना पड़ा। बैंक पर शिवपुरा गांव से आई मीरावती ने बताया कि उसके घर शादी है, मगर बैंक से रुपये न निकलने के कारण निराश लौटना पड़ा। इसी तरह बैंक पर आए ग्राहक कुतबुल्लाह, इनामुल्लाह, राजकुमार आदि भी बैंक पर कनेक्टीविटी न रहने से निराश लौटे। ग्राहकों का कहना था कि आए दिन यह समस्या बनी रहती है। कभी लिंक फेल रहता है तो कभी कैश का अभाव बताकर लौटा दिया जाता है। फील्ड ऑफिसर कौशल किशोर ने बताया कि कनेक्टीविटी न होने के कारण बैंक का काम ठप है। ठीक होते ही कार्य शुरू करा दिया जाएगा।