डुमरियागंज: जखौली गांव में लगी आग, 30 बीघा गेहूं की फसल जलकर राख, किसान सदमे में
डुमरियागंज: जखौली गांव में गुरुवार दोपहर अचानक लगी आग से किसानों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। करीब 30 बीघा गेहूं की खड़ी फसल जलकर राख हो गई, जिससे किसान सदमे में हैं। आग लगने का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो सका है, लेकिन तेज पछुवा हवा के चलते आग ने तेजी से विकराल रूप धारण कर लिया।
आग लगते ही मचा हड़कंप
गुरुवार दोपहर करीब दो बजे जखौली गांव के पश्चिम स्थित सैदपुर सिवान में अचानक आग लग गई। खेतों में आग की लपटें उठती देख गांव में हड़कंप मच गया। स्थानीय लोग बिना समय गवाएं आग बुझाने में जुट गए, लेकिन तेज हवा के कारण आग तेजी से फैल गई और देखते ही देखते किसानों की 30 बीघा फसल जलकर राख हो गई।
किसानों पर टूटा दुखों का पहाड़
आग की चपेट में आने से खुर्शीद का 3 बीघा, अंगद पाण्डेय का 7 बीघा, घनश्याम का 2 बीघा, कृष्ण मुरारी का 2 बीघा, दिनेश पाण्डेय का 7 बीघा सहित कई किसानों की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई। मेहनत से उगाई गई फसल राख में तब्दील होते देख किसान गमगीन हो गए। पीड़ित किसानों का कहना है कि उनकी पूरी सालभर की मेहनत और उम्मीदें इस आग में जलकर खत्म हो गईं, जिससे अब आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा।
प्रशासन ने दिया मदद का आश्वासन
घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन सक्रिय हो गया। एसडीएम डॉ. संजीव दीक्षित ने बताया कि यह घटना बहुत दुखद है। लेखपाल को नुकसान का आकलन करने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जा सके।
आग से बचाव के उपाय:
गर्मियों में खेतों में आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। इससे बचने के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए—
✅ खेतों के चारों ओर फायर ब्रेक (बिना फसल की पट्टी) बनाएं, ताकि आग फैलने से रोका जा सके।
✅ खेतों में बीड़ी, सिगरेट या जलती हुई माचिस की तीलियां न फेंकें।
✅ हार्वेस्टर से कटाई के बाद खेतों में तुरंत जुताई करें, ताकि सूखी घास और पराली आग पकड़ने से बच सके।
✅ खेतों के पास पानी के स्रोत (ट्यूबवेल, तालाब) की व्यवस्था रखें, ताकि आग लगने पर तुरंत बुझाया जा सके।
✅ गांव में दमकल विभाग का नंबर सभी किसानों के पास होना चाहिए, ताकि आपात स्थिति में तुरंत संपर्क किया जा सके।
✅ समय-समय पर फसल बीमा करवाएं, जिससे आग या अन्य प्राकृतिक आपदा की स्थिति में नुकसान की भरपाई हो सके।