इस दौरान ढ़ेबरुआ थाने के एसआई राम प्रताप सिंह ने कहा कि छात्राओं को आत्मविश्वास मजबूत करना होगा। बेटियों को चुप्पी तोड़कर, बिना झिझक, बिना संकोच अपनी बात कहनी चाहिए। उत्पीड़न और शोषण के खिलाफ उनकी आवाज ही इस पुरुष प्रधान समाज में उन्हें उनके हक और अधिकार दिला सकती है।
उन्होंने कहा कि बेटियों के चेहरे पर हमेशा मुस्कान रहनी चाहिए और तभी संभव है, जब समाज में नारी सम्मान, नारी सुरक्षा और नारी स्वावलंबन सुनिश्चित होगा।
इस दौरान कांस्टेबल प्रबल कुमार ने डायल 1090 व 112 की महत्ता बताते हुए कहा कि किसी भी प्रकार की समस्या होने पर छात्राएं इन नंबरों पर कॉल करें। जिससे तुरंत ही पुलिस सहायता उनके पास पहुंच सके।
प्रधानाचार्य रवि शुक्ल ने कहा कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं। वह ऑटो से लेकर प्लेन तक चला रही हैं। जरूरत बस अपने अंदर आत्मविश्वास पैदा करने की है। आत्मविश्वास ही जीत दिलाता है।
उन्होंने कहा कि सशक्तिकरण का अर्थ शक्तिशाली बनाने से है। शक्तिशाली तभी बना जा सकता है, जब हम अपने आत्म विश्वास को मजबूत कर आगे बढ़े।
इस दौरान सुनैना सिंह, शिवानी तिवारी, लाडो शुक्ला, सीतू गुप्ता, रीना त्रिपाठी, धन्नजय पाठक, आशाराम यादव, जितेन्द्र शुक्ल, अजय यादव, प्रदीप मौर्य, वीरेंद्र दूबे, रामनरेश यादव आदि शिक्षक मौजूद रहे।