सिद्धार्थनगर:राजमार्ग 730 लिंक रोड तुलसियापुर बजराभारी मार्ग चौड़ीकरण में विवादित गांव खैरी उर्फ झुंगहवा में 30 मकानों को चिन्हित कर लोक निर्माण विभाग ने मौखिक आदेश दे कर लोगों को डरा धमका कर मकान तोड़ दिए हैं।
किस आधार पर दो दर्जन से अधिक लोगों के मकान तोड़वाए गए हैं। इसका कोई जवाब ही नहीं है।
जिन्हें अपना घर तोड़ना पड़ा है उनमें से ज्यादातर लोग मजदूर है। उनमें से कई ऐसे लोग भी है जिनका घर रोड चौड़ीकरण में पूरी तरह से खत्म हो चुका है।
गांव में ज्यादातर लोग अशिक्षित है व समाजिक रूप से काफी कमोजर है। इसलिए उन्हें डराया व धमकाया भी गया है। उनके दिमाग में ये बात डाली गई कि यदि विरोध करोगे तो तुम्हारे ऊपर मुकदमा भी कर दिया जाएगा। और प्रशासन उन लोगों से जूर्माना भी वसूलेगा जिनके घर रोड चौड़ीकरण में तोड़े जाएंगे।
ग्रामीण भले ही ये बात सीधे तौर पर ना कहे लेकिन ऐसा किया गया है। प्रशासन भी डराने धमकाने की बात से साफ इंकार तो कर रहा है लेकिन वह ये सारे हथकंडे अपना चुका है।
नागरिकों का कहना है कि खैरी उर्फ झुंगहवा गांव में घनी आबादी के बीच सड़क के चौड़ीकरण के लिए उनके मकान तोड़वाए गए हैं। उन्हें ना ही कोई नोटिस दिया गया ना ही उन्हें कोई मुआवजा दिया गया।
राजस्व कागजात से स्पष्ट है कि खैरी उर्फ झुंगहवा गांव में राजस्व रिकार्ड के नक्शे में सड़क दर्ज नहीं है और 30 मकान के करीमी बा¨सदे हैं और किसी तरह का सड़क अतिक्रमण नहीं है।
गांव के बीचो-बीच मूल आबादी से जहां लोक निर्माण की भूमि उपलब्ध नहीं है और न ही नियमानुसार भूमि अधिग्रहण भी नहीं किया गया। जबरन मकानों को तोड़े गए।
जनहित अन्याय के विरुद्ध नागरिकों ने जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक न्याय की गुहार लगाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।