आसिम हामिद खान पूर्वांचल खबर
हां तुम दरिंदे हो..
हां तुम दरिंदे हो..
तुम 8 महीने की बच्ची को नही छोड़ते, तुम 2 साल, 4 साल, 6 साल, 8 साल, 10 साल, 12 साल, 14 साल, 16 साल, 18 साल, 20 साल, यहां तक की 90 साल की बूढ़ी मां को भी नहीं छोड़ते, और हां गूंगी बहरी नाबालिग लड़कियों को भी नही छोड़ते.
हां तुम दरिंदे हो..
तुम अभी जन्म ली हुई बच्ची का, बूढ़ी माँ का, मरी हुई औरत का भी बलात्कार करते हो.
हां तुम दरिंदे हो..
तुम हर दिन 6 महीने की बच्ची से लेकर 90 साल तक की बुजुर्ग महिलाओं की लाशों तक का बलात्कार करते हो. और इसके बावजूद भी तुम्हारे समाज मे तुम्हे बचाने के लिए लोग आ जाते हैं. क्यों कि तुम उनके पार्टी के उनके संगठन के उनके धर्म के या फिर शायद उनकी मांसिकता के होते हो... या शायद वो बलात्कार पीड़िता उनके घर की न होती हो इसलिए..
और हां आप हां आप ही नेता-नेता और पार्टी-पार्टी या धर्म-धर्म खेलते रहो, आप क्या सोचते हो कि आप और आपका परिवार अछूता है इन अपराधों से, पूछ कर देखना अपने घर कि महिलाओं से कि वो कितना सुरक्षित महसूस कर रही हैं खुद को या जब अपनी बेटियों को स्कूल, बस, ट्यूशन या बाहर कहीं खेलने को भेजती हैं तो उनका हृदय किसी अनहोनी की आशंका से कितना भयभीत रहता है? पूछना..!
हां तुम दरिंदे हो.
तुम कार में, बस में, ट्रेन मे, मेट्रो में, आफिस में, कालेज मे, खेत में, यहां तक की पवित्र मंदिर में हवस की नजर से उनको
देखते हो.. और हां तुम मौका मिलने पर बलात्कार भी करते हो..।
हां तुम दरिंदे हो..
क्यों कि तुम कहीं भी कभी भी किसी का भी बलात्कार कर सकते हो। वो जगह चाहे पवित्र मंदिर ही क्यों न हो.
और हां तुम्हारे कई रूप हैं..
तुम एक नेता के रूप मे , एक Boss के रूप मे, एक दोस्त के रूप मे, एक दुश्मन के रूप मे, एक Driver के रूप मे, एक Teacher के रूप मे, एक Student के रूप मे, एक रछक या Police के रूप मे और हां तुम्हारे और भी कई रूप हैं..और तुम हर रूप मे हर जगह मौजूद रहते हो..।
और हां तुम.. तुम भी इंसान कहलाने लायक नही हो..
क्यों कि अब तुम बलात्कारियों मे भी जाती-धर्म देखते हो.
तुम उन दरिंदों को भी बचाने की कोशिश करते हो.. तुम 8 साल की बच्ची के रेपिस्टों को बचाने के लिए तिरंगे को भी बीच मे लाते हो.. और हां तुम ये मत सोचना की सिर्फ तुम्हारे परिवार या तुम्हारे नेता ही सिर्फ तुम्हे बचाते हैं। तुम्हारे वकीलों का यूनियन भी तुम्हे बचाता है और तुम्हे बचाने के लिए वो अपने महिला वकील को भी धमकियां देता है और बहुत से लोग तुम्हे धर्म के नाम पर बचाने मे लगे रहते हैं।
हां तुम दरिंदे हो..
तुम.. अपने बलात्कार पीड़ित बेटी के लिए इंसाफ मांग रहे पिता को भी मरवा देते हो। वो भी एक सम्मानित पद पर रहते हुए और तुम्हे तुम्हारे लोग बचाने मे भी लगे रहते हैं.
हां तुम दरिंदे हो..
तुम्हारे देश मे जब कोई Rape कांण्ड Highlight होता है को तुम्हारे अन्दर का इंसान जाग जाता है और तुम कई तरह के Protests करते हो फिर भी तुम्हारे देश मे हर दिन कोई निर्भया के रूप मे सामने आता है। कोई आसिफा के रूप मे सामने आता है..।

