ढेबरुआ पुलिस ने रविवार को नौ माह 17 दिन पहले हुई एक हत्या का पर्दाफाश कर दिया। हत्या में शामिल महिला व एक व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस का दावा है कि हत्या प्रेम प्रसंग के चक्कर में की गई थी। हत्यारों ने पहले शराब पिलाकर युवक को नशे में किया और फिर सुरक्षित स्थान पर ले जाकर गला घोंटकर हत्या कर दी। हत्यारों ने पहचान मिटाने के लिए कमर के ऊपर वाले हिस्से को बुरी तरह से जला दिया था। डीएनए टेस्ट से शव की शिनाख्त हुई और हत्यारे पुलिस की गिरफ्त में आ गए। पूछताछ के बाद दोनों को जेल भेज दिया गया है। पुलिस लाइंस सभागार में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में एसपी डॉ. धर्मबीर सिंह ने बताया कि 17 मार्च को ढेबरुआ थाना क्षेत्र के बरमपुर कठेला गर्वी गांव निवासी बलराम यादव ने थाने में तहरीर देकर अपने भाई अवधराम (22) के लापता होने की सूचना दी थी। इसी बीच क्षेत्र के औदही कला गांव के अमरूद के बाग में एक अधजली लाश मिली थी। युवक की हत्या की गई थी। काफी खोजबीन के बाद भी युवक की पहचान नहीं हो पाई। अंत में डीएनए टेस्ट से युवक की पहचान हुई।
जांच में क्षेत्र की रहने वाली मंजू देवी पत्नी रामसेवक यादव निवासी तिरछहवा और जैसराम यादव निवासी मानपुर के युवक की हत्या में शामिल होने की बात सामने आई। रविवार की सुबह दोनों को तुलसियापुर चौराहे से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। टीम में एसआई राकेश कुमार, आरक्षी विजय यादव, रविंद्र यादव, आर्दश श्रीवास्तव, महिला आरक्षी किरन शामिल रहे।
दूसरे से हो गया संबंध इसलिए रास्ते से हटा दिया
- एसपी डॉ. धर्मबीर सिंह ने बताया कि पूछताछ में पता चला कि अवधराम व मंजू देवी के बीच पांच वर्षों से संबंध था। इसी बीच मंजू का जैसराम से भी संबंध हो गया। इसके बाद दोनों ने अवधराम की हत्या कर दी। शव की पहचान न हो इसलिए उसे जला दिया। हत्यारोपी मंजू व मृतक अवधराम मुंबई में रहते थे। जिस दिन मंजू अपने पति के साथ गांव के लिए ट्रेन से चली थी। उसी दिन अवधराम भी घर के लिए निकला था।
शराब पिलाकर की थी हत्या
- पुलिस के मुताबिक अवधराम शराब पीने का आदी था। पिछले साल 15 नवंबर को मंजू ने उसे बीयर लाकर दिया था। मंजू ने उसमें नींद की गोली मिला दी थी, जिसे पीने के बाद अवधराम बेहोश हो गया। इसके बाद उसकी हत्या कर दी गई।
डीएनए टेस्ट से हुई शव की पहचान
अवराध मुंबई से घर के लिए निकला यह सभी को पता था। मगर वह किस हाल में है, इसके बारे मेें परिवार के सदस्यों ने जानने की कोशिश तक नहीं की। चार माह बाद जब परिवार के लोग मुंबई से गांव लौटे और अवधराम को घर पर नहीं देखा तो तलाश शुरू हुई। इसके बाद उन्हें जानकारी मिली कि एक लाश औदही कला गांव के अमरूद के बाग में मिली थी। इसके बाद पुलिस ने डीएनए टेस्ट कराया और लाश की पहचान अवधराम के रूप में हुई।
जांच में क्षेत्र की रहने वाली मंजू देवी पत्नी रामसेवक यादव निवासी तिरछहवा और जैसराम यादव निवासी मानपुर के युवक की हत्या में शामिल होने की बात सामने आई। रविवार की सुबह दोनों को तुलसियापुर चौराहे से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। टीम में एसआई राकेश कुमार, आरक्षी विजय यादव, रविंद्र यादव, आर्दश श्रीवास्तव, महिला आरक्षी किरन शामिल रहे।
दूसरे से हो गया संबंध इसलिए रास्ते से हटा दिया
- एसपी डॉ. धर्मबीर सिंह ने बताया कि पूछताछ में पता चला कि अवधराम व मंजू देवी के बीच पांच वर्षों से संबंध था। इसी बीच मंजू का जैसराम से भी संबंध हो गया। इसके बाद दोनों ने अवधराम की हत्या कर दी। शव की पहचान न हो इसलिए उसे जला दिया। हत्यारोपी मंजू व मृतक अवधराम मुंबई में रहते थे। जिस दिन मंजू अपने पति के साथ गांव के लिए ट्रेन से चली थी। उसी दिन अवधराम भी घर के लिए निकला था।
शराब पिलाकर की थी हत्या
- पुलिस के मुताबिक अवधराम शराब पीने का आदी था। पिछले साल 15 नवंबर को मंजू ने उसे बीयर लाकर दिया था। मंजू ने उसमें नींद की गोली मिला दी थी, जिसे पीने के बाद अवधराम बेहोश हो गया। इसके बाद उसकी हत्या कर दी गई।
डीएनए टेस्ट से हुई शव की पहचान
अवराध मुंबई से घर के लिए निकला यह सभी को पता था। मगर वह किस हाल में है, इसके बारे मेें परिवार के सदस्यों ने जानने की कोशिश तक नहीं की। चार माह बाद जब परिवार के लोग मुंबई से गांव लौटे और अवधराम को घर पर नहीं देखा तो तलाश शुरू हुई। इसके बाद उन्हें जानकारी मिली कि एक लाश औदही कला गांव के अमरूद के बाग में मिली थी। इसके बाद पुलिस ने डीएनए टेस्ट कराया और लाश की पहचान अवधराम के रूप में हुई।